जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रवक्ता श्याम सुंदर ने अपने वक्तव्य में कहा कि भाजपा के साथ मिलकर आठ वर्षों तक बिहार के लोगों को घर-घर शराब पहुंचाने का काम करने वाली नीतीश सरकार अब शराबबंदी के पक्ष में मानव श्रृंखला सरकारी अमला और सरकारी कोष के बल पर किया जाना कहीं से भी उचित नहीं है. नेताओं ने कहा कि अब साल होने को है और बिहार में हर दिन शराब की बडी खेप का पकड़ा जाना और शराब की होम डिलीवरी किया जाना यह साबित करता है कि सरकार के स्तर पर गंभीरता नहीं है.
नेताओं ने भाजपा से पूछा कि क्या नोटबंदी के मुद्दे पर जदयू और नीतीश कुमार के द्वारा समर्थन देने के एवज में शराबबंदी के पक्ष में भाजपा तो खड़ी नहीं हो गयी है, क्योंकि यह सभी को पता है कि भाजपा के साथ मिलकर नीतीश कुमार जबतक सरकार चला रहे थे. हर गांव और पंचायत में शराब की दुकानें खुल गयी थी. नीतीश कुमार इसी राजस्व के माध्यम से बालिकाओं को साइकिल और पोशाक दिये जाने की बात सार्वजनिक मंचों से किया करते थे. तब भाजपा और नीतीश कुमार शराबबंदी की बात क्यों नहीं कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जाप मानव श्रृंखला में भाग नहीं लेगा.