केसीआर की रैली में नहीं बुलाने पर बोले नीतीश
बजट सत्र के बाद तेज करेंगे मुहिम
सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर से कहा कि मेरी कोई ख्वाहिश नहीं, मैं सिर्फ यह चाहता हूं कि तमाम विपक्षी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए. पीएम पद की रेस से खुद को बाहर रखते हुए उन्होंने यह बात उस सवाल पर कही, जिसमें पूछा गया था कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने मेगा रैली में उन्हें आमंत्रित नहीं किया था, जबकि इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित सपा नेता अखिलेश यादव सहित अन्य नेताओं को बुलाया था. सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि तेलंगाना में विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम के तहत वहां के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी की मीटिंग की थी. यह कोई मुद्दा नहीं है.
उन्होंने कहा कि कोई अपनी पार्टी की मीटिंग करता है और अगर लोगों को बुलाता है तो इसमें कौन सी नई बात है? मेरी अपने लिए कोई ख्वाहिश नहीं है. बस मैं यही चाहता हूं कि विपक्ष के लोग एकजुट हों और देश हित में आगे बढ़े. मुख्यमंत्री से पूछा गया कि 2024 के लिए अगर थर्ड फ्रंट बनेगा तो आप उसके साथ जाएंगे या फिर कांग्रेस के साथ जाएंगे? इस सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि मैं कह चुका हूं कि सब लोगों से बात मैंने की है. क्या होगा कितने लोग एकजुट होंगे? उसके बाद हम सब एक साथ इसमें लग जाएंगे. मेरी बस एक ही चाहत है ज्यादा से ज्यादा विपक्ष के लोग एकजुट हों. अभी हम लोग समाधान यात्रा में लगे हैं. इसके बाद बिहार विधानसभा का बजट सत्र होगा. उसके बाद हम सब विपक्षी एकता को एकजुट करने में लगेंगे.
केसीआर की रैली और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उसके लिए न्योता नहीं आना, राजनीति में इस तरह समझा जा रहा है कि जहां एक तरफ नीतीश कुमार की पार्टी जदयू नीतीश कुमार को पीएम पद का चेहरा मान रही थी वहीं दूसरी तरफ केसीआर ने मामला साफ कर दिया है. केसीआर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सभी विपक्षी पार्टियों को मैसेज दे दिया है. उन्होंने यह भी बता दिया है कि पीएम की रेस में वे खुद भी हैं. केसीआर ने पिछले साल अपनी बिहार यात्रा के समय यह साफ-साफ कहा था कि विपक्षी दलों के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला करने के लिए विपक्षी नेता एक साथ बैठेंगे. अब किसी और ने अपना रंग दिखा दिया है.
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