मेदिनी ज्योतिष आधारित डिजिटल डेटा से आपदा प्रबंधन में मिलेगा सहयोग
जल्द हो होगा इसरो और प्राधिकरण के बीच एमओयु
उपग्रह आधारित डेटा से मापी जाएगी नदियों की गहराई और मिलेगा बाढ़ का सटीक पूर्वानुमान
भूकंप की जानकारी पहले मिलने से आपदा के प्रभाव को कम किया जाएगा
इसरो भूकंप एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए मेदिनी ज्योतिष आधारित भारतीय ज्ञान परंपरा को आधार मानकर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग के सहयोग से आपदा पूर्वानुमानों पर कार्य करेगा.
पटना: बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बाढ़, भूकंप, लू, शीतलहर व वज्रपात जैसी आपदाओं के सटीक पूर्वानुमान के लिए इसरो (ISRO) के साथ मिलकर कार्य करेगा. प्राधिकरण के सभागार में सोमवार को इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (स्पेस एप्लीकेशन सेंटर) के निदेशक नीलेश एम. देसाई और उनके सहयोगियों ने प्राधिकरण का दौरा किया. इस अवसर पर प्राधिकरण के माननीय उपाध्यक्ष डॉ उदय कांत, सदस्य श्री पी एन राय, सदस्य श्री कौशल किशोर मिश्र के साथ बिहार मौसम सेवा केंद्र के निदेशक सी.एन. प्रभु व प्राधिकरण के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे. श्री देसाई और उनकी टीम बिहार मौसम सेवा केंद्र के प्रथम वर्षगांठ की मौके पर बिहार आई है.
माननीय उपाध्यक्ष ने बिहार में आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण के लिए किये जा रहे प्राधिकरण के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी. बिहार में आपदा प्रबंधन गतिविधियों की जानकारी पाकर नीलेश एम. देसाई ने प्राधिकरण की जमकर तारीफ की. साथ ही कहा कि इतना गतिमान और सक्रिय प्राधिकरण मैंने किसी अन्य राज्य में नहीं देखा.
उन्होंने आपदा प्रबंधन व पूर्वानुमानों पर प्राधिकरण के साथ मिलकर कार्य करने की सहमति जताई. उपाध्यक्ष ने इस पर अपनी हामी भरी. इसरो बिहार के नदियों के स्वभाव और बाढ़ पूर्वानुमानों पर कार्य करेगा. साथ ही इसरो भूकंप एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए मेदिनी ज्योतिष आधारित भारतीय ज्ञान परंपरा को आधार मानकर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग के सहयोग से आपदा पूर्वानुमानों पर कार्य करेगा. प्राधिकरण उपग्रही डाटा का उपयोग करके आपदा प्रबंधन नीतियों को कार्यान्वित करेगा. नदियों की गहराई जानने और आउटकम अससमेंट (जल प्रवाह अनुमान) के साथ बिहार में बाढ़ से होनेवाली क्षति को भी कम किया जा सकेगा.
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