इप्टा ने नाटक के जरिये किया कारपोरेट परस्त आर्थिक नीतियों पर प्रहार
चार दिवसीय नाट्य प्रदर्शन का हुआ समापन
कलाकरो ने की सरकार और कार्पोरेट गठजोड़ का शानदार प्रदर्शन
पटना,28 फरवरी. सरकार की ग़रीब विरोधी और कॉरपोरेट परस्त नीतियों के ख़िलाफ़ पटना इप्टा का चार दिवसीय नाट्य प्रदर्शन भिखारी ठाकुर रंगभूमि, गाँधी मैदान में सम्पन्न हो गया. इसके तहत पटना इप्टा ने जनम, नई दिल्ली लिखित व वरिष्ठ रंगकर्मी तनवीर अख़्तर के निर्देशित नाटक “समरथ को दोष नहि गुसाईं” का मंचन हुआ. नाटक में सरकार की नीतियाँ कैसे अमीर, पूंजीपतियों और कॉरपोरेट का आँख बंद कर सहयोग कर रहीं हैं इसको उजागर किया गया. ग़रीब दिन-ब-दिन ग़रीब होता जा रहा है. भूख से मर रहा है और कॉरपोरेट-सरकार का गठजोड़ जनता को लूट रहा है.
नाटक की प्रस्तुति से पूर्व बिहार इप्टा के महासचिव तनवीर अख़्तर ने उपस्थित दर्शकों से जन संवाद करते हुए कहा कि एक बेहतर दुनिया के संकल्प के साथ इप्टा सतत संघर्षशील है और हम अपने नाटकों, गीतों, नृत्यों से आम जन को सामने लाते है. आज देश गंभीर संकट के दौर से गुज़र रहा है. सरकार की जन विरोधी आर्थिक नीतियों की वजह से देश का आम आवाम परेशान है. कॉरपोरेट ग़रीबों का धन लूट कर कानून को धत्ता बता रहे हैं.
मदारी-जमूरा शैली में जमाखोरी और मुनाफाखोरी को कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय से रोचक बनाया और नाटक के अंत तक दर्शकों जोड़े रखा. कार्यक्रम की शुरूआत राजनंदन सिंह राजन लिखित गीत ‘जोगिरा…’ से हुई.
नाटक “समरथ को दोष नहि गुसाईं” में विकास कुमार (मदारी), चंदन प्रभात (जमूरा), रोशन कुमार (सेठ), शुभम (पुलिस), शशिकांत(अनाज का बोरा), अभिमन्यु (मंत्री), टीपू सुल्तान, निखिल, आनंद और संजय ने अभिनय किया.
ओ पी पांडेय की रिपोर्ट