“यदि आप ईमानदारी से अभिनय करना चाहते हैं तो स्वयं में उस पात्र को शामिल कर लीजिए. एक बार गहराई से सोचिये, समझिये और जानिये कि अमुक पात्र कैसे साँस लेता है?, कैसे चलता है?, कैसे बात करता है? और कैसे अपना जीवन जीता है? यदि आप इस सूत्र को हल कर लेते हैं तो आपका अभिनय मौलिक होगा और उसे दर्शक पसंद करेंगे.” -विनीत कुमार
अच्छे अभिनेता या अभिनेत्री बनने के लिए अच्छे भाषा और संस्कार को विकसित करना जरुरी
अभिनय करने के लिए उसे अपने परिवार, समाज और स्वयं अपने आप से भी संघर्ष करना पड़ता है
‘इप्टा अभिनय कार्यशाला’ में युवा प्रतिभागियों से रु-ब-रु होते हुए वरिष्ठ अभिनेता विनीत कुमार ने कैफ़ी आज़मी इप्टा सांस्कृतिक केन्द्र में उक्त बातें कहीं. अभिनय और रंगकर्म को जीवन से जोड़ते हुए विनीत ने सिनेमा, रंगमंच के अभिनय को अपने जीवन के आस-पास देखने और समझने को कहा. उन्होंने कहा कि नाटकों और फिल्मों के पात्र किसी दूसरी दुनिया के नहीं बल्कि हमारी इसी धरती और समाज से प्रेरित होते हैं. उनके चरित्र का पूरा ताना-बाना नाटककार/पटकथा लेखक अपने अनुभव और कल्पना के आधार पर रचता है. इसलिए बतौर अभिनेता या अभिनेत्री हमें लेखक की कल्पना को जीवंतता के साथ साकार करने के दायित्व का निर्वहन करना होता है. विनीत ने अच्छे अभिनेता या अभिनेत्री बनने के लिए अच्छे भाषा संस्कार को विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें सजग पाठक के रूप में कविता, कहानियों, आदि से जुड़ने को कहा. अपनी सभी ज्ञानिन्द्रियों को खोलकर दुनिया को देखना, समझना चाहिए और पूरी समझ, जिम्मेदारी से प्रतिक्रिया देनी चाहिए. एक अभिनेता के रूप में हम अपने परिवार, समाज, देश के सबसे संवेदनशील व्यक्ति हैं.
टेलीविज़न की चर्चित अभिनेत्री सादिया सिद्दीक़ी ने भी प्रतिभागियों से अभिनय के विविध पहलूओं पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि महिला के लिए अभिनय करना आसान काम नहीं है. अभिनय करने के लिए उसे अपने परिवार, समाज और स्वयं अपने आप से भी संघर्ष करना पड़ता है. हर कदम पर उसे सैकड़ों सवालों का जबाव देना होता है क्योंकि महिलाओं के प्रति आज भी हमारे समाज का नज़रिया संकीर्ण है. उन्होंने आगे कहा कि अभिनय करने की सबसे पहली शर्त है आत्मविश्वास और दृढ निश्चय. आप अभिनय को ही अपना अंतिम विकल्प मानकर इसकी साधना करें तभी सफलता और मंज़िल मिल सकेगी.इसके बाद ‘इप्टा अभिनय कार्यशाला’ के युवा प्रतिभागियों ने अभिनेता विनीत कुमार एवं सादिया सिद्दीकी से सवाल-जवाब किया. इस विशेष सत्र का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी व पटना इप्टा के कार्यकारी अध्यक्ष तनवीर अख़्तर ने किया. इस अवसर पर बिहार इप्टा कार्यकारी अध्यक्ष सीताराम सिंह, इप्टा के राष्ट्रीय सचिव डा. फ़ीरोज़ अशरफ़ ख़ाँ भी उपस्थित थे.
कार्यक्रम की शुरूआत में पटना सिटी इप्टा के युवा साथी अभिषेक कुमार श्रीवास्तव के असमायिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया और दो मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि दी गई. ज्ञातव्य है कि मकर संक्रांति के दिन प्रशासनिक बदइंतज़ामी व चूक की वजह से हुए हादसे में असमय मौत के गाल में समा गये 24 लोगों में पटना सिटी इप्टा से जुड़ा युवा साथी अभिषेक कुमार श्रीवास्तव भी है. अभिषेक को अभिनय एवं लेखन कार्य में रूचि थी. साथ ही, अल्पायु में ही वो एक मुद्रा संग्रहकर्ता के रूप में भी जाने-पहचाने जाते थे.