पटना मेट्रो द्वारा यातायात के विभिन्न माध्यमों का एकीकरण ; इंटरमोडल इन्टिग्रेशन
यातायात के विभिन्न माध्यमों की निर्बाध कनेक्टिविटी
जाम और प्रदूषण से भी निजात मिलेगा
क्या है इंटरमोडल इन्टिग्रेशन
” इंटरमोडल इंटीग्रेशन” का अर्थ है यात्रियों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए परिवहन के विभिन्न माध्यमों मसलन रेलवे स्टेशन से मेट्रो स्टेशन की कनेक्टिविटी, मेट्रो स्टेशन से एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी आदि का एकीकरण. किसी शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की सफलता का निर्धारण करने में लास्ट माईल कनेक्टिविटी भी एक महत्वपूर्ण बिंदु है.
पटना: पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट नेटवर्क को शहर के विभिन्न यातायात के माध्यमों के साथ एकीकरण; इंटरमोडल इन्टिग्रेशन करने का प्रयास किया गया है .यातायात के विभिन्न माध्यमों का इंटरमोडल इन्टिग्रेशन यात्रियों के सफ़र को सुगम और सुविधाजनक बनाएगा. इंटरमोडल इन्टिग्रेशन से शहर में सार्वजनिक यातायात को बढ़ावा मिलेगा जिससे सड़क पर गाड़ियों की संख्या में भी कमी आएगी और जाम और प्रदूषण से भी निजात मिलेगा और यातायात के विभिन्न माध्यमों की निर्बाध कनेक्टिविटी मिलेगी .
पटना मेट्रो को लोगों की आवश्यकता को ध्यान में रख कर यातायात के विभिन्न माध्यमों जैसे अंतर राज्य बस टर्मिनल, पटना एयरपोर्ट, पटना रेलवे स्टेशन, राजेन्द्र नगर रेलवे स्टेशन आदि से जोड़ने का प्रयास किया गया है. पटना जंक्शन और न्यू आईएसबीटी मल्टी-मोडल स्टेशन के रूप में बनाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से लोगों को यातायात के अन्य माध्यमों से जोड़ने में सुविधा होगी जिससे लोग निर्बाध रूप से अपनी यात्रा पूरी कर सकेंगे. मेट्रो की यह सुविधा लोगों को सार्वजनिक यातायात का और अधिक उपयोग के लिए भी प्रोत्साहित करेगी.
इसी उद्देश्य से एमआरटीएस के अंतर्गत मेट्रो, बस टर्मिनल, एयरपोर्ट और रेलवे आदि के एकीकरण और जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इसके माध्यम से पटना जंक्शन, पाटलीपुत्र रेलवे स्टेशन, राजेन्द्र नगर टर्मिनल स्टेशन, न्यू आईएसबीटी एवं पटना एयरपोर्ट को पटना मेट्रो के नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजना है.पटना मेट्रो के नेटवर्क कनेक्टिविटी का इंटरमोडल इन्टिग्रेशन से ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगा, लोगों का समय बचेगा, सार्वजनिक यातायात को बढ़ावा मिलेगा और अनावश्यक वाहनों की कमी से प्रदूषण नियंत्रण में भी कामयाबी मिलेगी .
गौरतलब है कि मल्टी-मॉडल एकीकरण क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की योजना का केंद्र है. आरआरटीएस स्टेशनों को एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों और अंतर राज्यीय बस टर्मिनलों के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत किया जाएगा. आरआरटीएस स्टेशनों की योजना और डिज़ाइन इस तरह से किया गया है कि यात्रियों को परिवहन/ यातायात के विभिन्न माध्यमों को बदलने के लिए स्टेशन से बाहर निकलने और सड़क पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. यात्री एक यातायता के एक माध्यम से दूसरे तक अंदर ही अदंर जा सकते और मेट्रो ट्रेन या अन्य सेवा का लाभ उठा सकते हैं. यह न केवल यात्रियों को निर्बाध और तनाव-मुक्त यात्रा करने में मदद करता है बल्कि प्रमुख परिवहन केंद्रों के आसपास इसके कारण होने वाली भीड़भाड़ और यातायात की भीड़ को रोकने में भी मदद करता है.
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