नई दिल्ली (ब्यूरो रिपोर्ट) | केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे में आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर 10 फीसदी का आरक्षण लागू करने का घोषणा किया है. रेल मंत्रालय के अनुसार, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने वाली रेलवे पहली संस्था होगी.
रेल मंत्रालय ने इसके तहत दो लाख तीस हजार पदों पर भर्ती का घोषणा किया है. जिसमें 10 फीसदी गरीब सवर्णों को भी आरक्षण मिलेगा. रेल मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार इतने पदों पर भर्तियां दो साल में होंगी.
हाल ही में यह संसद में पारित 103वें संविधान संशोधन के बाद ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण लाभ के साथ पहली बड़ी भर्ती होगी. ये नौकरियां उन डेढ़ लाख नौकरियों के अतिरिक्त होंगी जिन पर फिलहाल भर्ती की प्रक्रिया चल रही है और जिसके अप्रैल तक पूरा होने की संभावना है.
यह भर्ती विभिन्न कैडर के लिए होगी और न्यूनतम पात्रता मानदंड औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से प्रमाण पत्र अथवा इंजीनियरिंग में डिप्लोमा/ ऊपर की डिग्री अथवा किसी भी विषय में स्नातक होगा जो उम्मीदवार द्वारा आवेदन किए जा रहे पदों पर निर्भर करेगा.
प्रत्यक्ष रोजगार:
इस भर्ती अभियान से 2,30,000 प्रत्यक्ष रोजगार के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजन होंगे नियुक्तियों का आयोजन भारत सरकार में आरक्षण के निर्धारित मानदंडों का पालन करते हुए दो चरणों में होगा.
पहला चरण:
पहला चरण फरवरी-मार्च 2019 से शुरू होकर अप्रैल-मई 2020 तक चलेगा.
पहला चरण में 1,31,428 पदों पर भर्तियां होंगी.
सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए लगभग 19,715, अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों लिए 9,857 और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 35,485 पद आरक्षित होंगे.
संसद द्वारा पारित 103वें संविधान संशोधन के अनुरूप इन रिक्तियों में से 10% यानी लगभग 13,100 पद आर्थिक रूप से कमजोर तबकों (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों से भरे जाएंगे.
दूसरा चरण:
दूसरे चरण में 99 हजार पदों पर भर्तियां होंगी.
यह चरण मई-जून 2020 से शुरु होकर जुलाई-अगस्त 2021 तक चलेगा.
सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार, अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए लगभग 15,000, अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 7,500, अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 27,000 और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के उम्मीदवारों के लिए 10,000 पद आरक्षित होंगे.
तथ्य और आंकड़े: भारतीय रेलवे की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में भारतीय रेलवे में कर्मचारियों के लिए स्वीकृत पद 15,06,598 है. इनमें से 12,23,622 कर्मचारी कार्यरत हैं. शेष 2,82,976 पद रिक्त हैं.
हालांकि 1,51,548 पदों के लिए भर्ती चल रही है लेकिन 1,31,428 पद अभी भी खाली हैं.
गौरतलब है कि लगभग 53,000 रेलवे कर्मचारी 2019-20 में और 46,000 रेलवे कर्मचारी 2020-21 में सेवानिवृत्त होंगे जिससे लगभग 99,000 अतिरिक्त कर्मचारियों के पद खाली होंगे.
इस प्रकार, वर्तमान भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद रेलवे में कुल शुद्ध रिक्तियां 1,31,428 होंगी और कर्मचारियों की संख्या लगभग 99,000 यानी अगले दो वर्षों में लगभग 2,30,000 होगी.
फायदा:
इन नियुक्तियों के परिणामस्वरूप दक्षता में वृद्धि होगी और निवेश से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा. रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने से क्षेत्रों की आर्थिक क्षमता एकीकृत होगी और देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.