रेलवे ने लॉक डाउन को अप्रत्याशित घटना करार देते हुए 22 मार्च से 14 अप्रैल 2020 तक की अवधि के दौरान सभी तरह के शुल्क चाहे वो विलंब शुल्क हो, कैंसिलेशन चार्ज हो या फिर पार्सल चार्ज, सब माफ कर दिया है.
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि, “आकस्मिक घटना” का अर्थ है असाधारण घटनाएं या परिस्थियां जो मनुष्य के नियंत्रण में नहीं है जैसे ईश्वरीय आपदा (प्राकृतिक आपदा)। कोरोना वायरस के फैलाव को प्राकृतिक आपदा मानना चाहिए और इसके लिए ‘आकस्मिक घटना’ उपनियम का उपयोग किया जा सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि 22 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 तक की अवधि “आकस्मिक घटना” के तहत मान्य होगी और इस अवधि के दौरान निम्न में से कोई भी शुल्क नहीं लगाया जाएगा.
1. | विलम्ब शुल्क |
2. | स्थान शुल्क |
3. | माल ढेर लगाने का शुल्क |
4. | शेड/स्थान में माल रखने का शुल्क यदि निजी/संयुक्त स्वामित्व का स्टॉक हो तो विलम्ब शुल्क |
5. | पार्सल ट्रैफिक पर विलम्ब शुल्क |
6. | पार्सल ट्रैफिक पर स्थान शुल्क |
7. | कंटेनर ट्रैफिक के मामले में आवरोध शुल्क |
8. | कंटेनर ट्रैफिक के मामले में स्थान उपयोग करने का शुल्क |
इससे पहले 23 मार्च, 2020 को रेलवे बोर्ड ने निर्देश जारी किए थे कि 24 मार्च, 2020 तक की अवधि में खाली कंटेनरों/खाली फ्टैल वैगनों की आवाजाही के लिए कोई ढुलाई-शुल्क नहीं लगाया जाएगा.