जो भारत में है वह और कहीं नहीं, प्रकृति की मदद से बढ़ाइए रोग प्रतिरोधक क्षमता

कोरोना वायरस से दुनिया त्राहिमाम है. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कभी जिसके साम्राज्य का सूर्य अस्त नहीं होता था उस ब्रिटेन के राजकुमार को बर्मिंघम पैलेस में कैद होने पर मजबूर होना पड़ा है. विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका की स्थिति दयनीय है. मध्य काल में यूरोप पर शासन करने वाले आधुनिक इटली बर्बादी के मुहाने पर खड़ा है. ड्रैगन केनाम से जाना जाने वाला चीन कोरोना पर सफाई दे रहा है तो कभी विश्व के शक्ति की दूसरी धुरी रहे रूस के वॉर्डर सील हैं. कोरोना वायरस ने लोगों को घर में रहने को मजबूर कर दिया है.


विश्व के विभिन्न देश भारत की तरफ निगाहें गडाए हुए हैं. औद्योगिक क्रांति और हावर्ड – कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के इकोनॉमिक्स आज धराशायी हो गए हैं. आज गांधी प्रासंगिक हो गए हैं, उनके हिंद स्वराज पर चर्चा होने लगी है. आयुर्वेद के नुक्से, पतंजलि के योग की ओर लोग लौटने लगे हैं.
कोरोना वायरस के संक्रमण से निजात पाने के लिए कोई दवा अभी तक नहीं बनी है. इसके संक्रमण से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का उपाय ही विकल्प है.
भारत में पूजे जाने वाले पीपल, नीम तुलसी की अहमियत का पता विश्व को चल रहा है.




Pic Coutesy Samir K Sinha


रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भारत में सदियों से इस्तेमाल होने वाले हल्दी, जीरा, दालचीनी की कीमत विश्व को पता चल रहा है. संक्रमण से बचाने वाले धनिया, सोंठ, कालीमिर्च के गुणों को भूलने वाले, इसका उपभोग कर रहे हैं. पुदीना, लौंग, गुड़ के फायदों को लोग मानने लगे हैं. च्यवनप्राश के गुणों के कारण लोग इसे आत्मसात कर रहे हैं.
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना भी जरूरी है. प्रकृति के पास हर मर्ज की दवा है.

हीरेश

By dnv md

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