अगर आंकड़े सही है तो देश कहाँ जा रहा है
सरकार ने देश की गलत छवि पेश करने का लगाया आरोप
सरकार ने इसे ‘भूख’ का त्रुटिपूर्ण माप बताया
नई दिल्ली. वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2023 में भारत को 111वें स्थान पर रखा गया है. सूचकांक में भारत के स्थान को लेकर केंद्र सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘भूख’ का त्रुटिपूर्ण माप बताया. सरकार ने कहा कि यह देश की सही स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करते हुए गलत छवि को प्रस्तुत करती है. जीएचआइ क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर भूख को व्यापक रूप में मापने और उसकी निगरानी करने का साधन है.
जीएचआइ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों से ग्रसित है. सूचकांक की गणना के लिए प्रयोग किए गए चार में से तीन संकेतकों का प्रयोग बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी सूचकांक के लिए होता है और यह पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते है. चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक ‘कुपोषित जनसंख्या का अनुपात’ महज तीन हजार लोगों पर किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है.
मंत्रालय ने कहा कि पोषण ट्रैक पर अपलोड पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के माप डेटा में लगातार वृद्धि हुई है. यह अप्रैल 2023 में 6.34 करोड़ से सितंबर 2023 में 7.24 करोड़ हो गया. महीने दर महीने ‘चाइल्ड वे¨स्टग’ घटकर 7.2 प्रतिशत हो चुका है. हालांकि, जीएचआइ में इसे 18.7 दर्शाया गया है. ऊंचाई के हिसाब से बच्चों का वजन कम होने को ‘चाइल्ड वेस्टिंग’ कहा जाता है.
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