युवा कवि चंद्रबिंद की कविताओं में उम्मीद की है अंतर्धारा
पुस्तक मेले में लग रहा है साहित्यकारों का जमावड़ा
युवा कवि चंद्रबिंद के चर्चित काव्य संग्रह “फल्गु किनारे” का लोकार्पण किया गया . विदित हो कि यह संग्रह लोकार्पण से पहले ही काफी चर्चित हो चुका है. इस समारोह में प्रसिद्ध कवि आलोक धन्वा, प्रसिद्ध आलोचक प्रोफेसर तरुण कुमार, प्रोफेसर सुनीता गुप्ता, मनोचिकित्सक एवं कवि डॉ विनय कुमार, बिहार हेराल्ड के संपादक विद्युत पाल, सत्राची पत्रिका के संपादक डॉ आनंद विहारी, सुनील कुमार सिंह एवं कवि असलम हसन जैसे साहित्यकार एवं विचारक उपस्थित थे.
आलोक धन्वा ने उनकी कविताओं पर बोलते हुए कहा कि प्रेम कविताएँ, जो हमारे युवा कवि चंद्रबिंद अधिक लिख रहे हैं; उसके पीछे एक ऐसा समाज है जहाँ यौन हिंसा की बर्बर एवं मध्ययुगीन घटनाएँ घट रही हैं. ऐसे में इनकी प्रेम कविताएँ यौन हिंसा के विरुद्ध खड़ी हो रही हैं. इन कविताओं में उम्मीद की अंतर्धारा भी है, जैसा कि कई कविताओं में आप पाएंगे. डॉ.आनंद बिहारी ने कहा कि इनकी कविताएं जीवन के लगभग सभी मुद्दों को स्पर्श करती हैं. प्रो. सुनीता गुप्ता ने कहा कि ‘फल्गु किनारे ‘ कविता संग्रह आधुनिक जीवन संघर्ष एवं पर्यावरण बोध की कविताओं का संकलन हैं.
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