जन वितरण विक्रेता से है इन लोगों की साठ गांठ
आंख मूंदे रहते हैं अधिकारी,पूछने पर कहते हैं नहीं पता
व्यापारियों के बड़े एजेंट देते हैं काम को अंजाम
दरभंगा जिले के कई हिस्सों में बहेरी प्रखंड क्षेत्र में अनाज का अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है. खास कर बहेड़ी प्रखण्ड क्षेत्र में इसका व्यापक तंत्र फैला हुआ है. इलाके के विभिन्न जगहों पर ऐसे कई अनाज कारोबारी हैं जो अनाज खरीद कर ट्रकों से दूसरे राज्यों में भेजते हैं. लेकिन अधिकारी इस गोरखधंधे से अनजान बने बैठे हैं. बिहार में अनाज की सरकारी खरीद पैक्स के जरिए होती है. बिहार से बाहर के राज्यों से व्यापारी इस जिले में आते हैं और अनाज खरीद ले जाते हैं. ग्रामीणों क्षेत्र में इन व्यापारियों के बड़े एजेंट होते हैं. किसानों की मानें तो पैक्स उनसे धान की खरीद करता है. और वो भी सीजन की शुरुआत में.
बाकि समय में ट्रक के ट्रक के चावल आखिर कैसे भेजे जाते हैं.सूत्रों का कहना है कि किसान के नाम पर ये कारोबारी अनाज का कारोबार करते है. कहते हैं हम किसान से सीधे अनाज खरीद कर बाहर सप्लाई करते हैं . हकीकत है कि इस क्षेत्र में खेती से जो अनाज उत्पादन होता है वो लोगों के जरूरत योग्य ही है. तो फिर सवाल उठता है कि किसान कैसे अनाज बेच लेते हैं? कुछ ही किसान हैं जिन्हें अधिक उपज होती है. और वे शुरुआत में ही अपना अनाज बेच लेते हैं. इस क्षेत्र के किसान चावल नहीं बल्कि धान बेचते हैं .
जानकारी के मुताबिक सरकार विभिन्न गोदामों से चावल की सप्लाई पीडीएस डीलर को करती है. कार्ड धारी चावल उठाव कर कारोबारी से बेच लेते हैं. जन वितरण विक्रेता से भी इन लोगों की साठ गांठ बनी रहती है. सूत्र बताते हैं कि सरकारी अनाज की ये कालाबाजारी अक्सर रात के अंधेरे में की जाती है. ताकि सरकारी अमले और पुलिस की नजर से बचे रहें. हालांकि उन्हें इसका पता होता है. कारोबारियों के यहां औसतन हर हफ्ते दो-तीन बार बड़े बड़े ट्रक आते हैं अनाज उठाव के लिए. सवाल उठता है कि जिस क्षेत्र में उपज कम हो उस क्षेत्र के लोग कैसे अनाज बेचते होंगे?
गौरतलब है कि अनाज भंडारण का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद अनाज भंडारण कर उसे बेचने का कारोबार खूब फल फूल रहा है. ऐसे ही एक कारोबारी हैं भरत चौधरी. बहेरी प्रखंड क्षेत्र के मितुनिया गांव के निवासी हैं. और अपने गांव से 15 किलोमीटर दूर पघारी गांव में अनाज खरीद बिक्री का कारोबार कर रहे हैं.
इस धंधे में उनका रौब चलता है. जब उनसे अनाज भंडारण का लाइसेंस होने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया. जीएसटी नंबर होने की बात कही. इस संबध में जब प्रखण्ड के मार्केटिंग इंस्पेक्टर के के मंडल से पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की. कहा कि लिखित शिकायत आएगी तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी.
संजय मिश्र,दरभंगा