भोजपुर में हर्षोल्लास के साथ ईदे मिलादुन नबी मनाया गया. इस अवसर पर पुरे शहर में भव्य जुलूस निकाला गया. अपनी कई टोलियों के साथ विभिन्न मुहल्ले के लोग शामिल हुए. गाड़ियों पर रखे डीजे पर बजने वाले गाने से भक्ति का माहौल कायम था. काफिले में गाड़ियों के साथ ऊंटों का भी काफिला था. हरी पगड़ी बांधे सैकड़ों श्रद्धालुओं के हाथों में तारा व गुम्बद के चिन्ह वाले हरे, सफेद, लाल आदि कई रंगों के झंडे थे. इन सबके के बीच चित्रटोली मुहल्ले से मक्का-मदीना का निकाला गया कटाउट आकर्षक था.
बारहवीं का चांद आया, बारहवीं का चांद…
श्रद्धालुओं ने नारा-ए-तकबीर- अल्लाहो अकबर, नारा-ए-रसालत- या रसूलअल्लाह, सरकार की आमद-मरहबा, आका की आमद मरहबा, रसूल की आमद – मरहबा, नबी की आमद- मरहबा, मुख्तार की आमद- मरहबा, ईदे मिलादुन नबी- जिन्दाबाद, 12 रब्बीउल अव्वल- जिन्दाबाद के नारे बुलंद किये. जुलूस रामगढ़िया, अबरबपुल, शीशमहल चौक, गोपाली चौक, जेल रोड, शिवगंज मोड़, बड़ी मठिया, महादेवा, धर्मन चौक, चित्रटोली रोड, टाउन थाना मोड़, नागरी प्रचारिणी मोड़ होते हुए रमना मैदान स्थित मजार के पास पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया.
मोहम्मद साहब पूरी दुनिया के थे-मौलाना
धर्मन मस्जिद के इमाम मौलाना शमसुल हक ने कहा -“मोहम्मद साहब सिर्फ मुसलमानों के ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के रसूल थे.” उन्होंने कहा कि वे जब इस दुनिया में आये तो चारों ओर अत्याचार, व्यभिचार, दुश्मनी का माहौल था. गरीबों व यतीमों पर जुल्म ढ़ाये जाते थे. उन्होंने समाज में फैली इन तमाम बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे इस्लाम बदनाम हो. इसके पूर्व उक्त स्थल पर दावते इस्लामी के बैनर तले निकाले गये जुलूस के समापन के अवसर पर मोबलिग कारी मेराज अतारी ने तकरीर में कहा, कि हमें सादगी के साथ जिन्दगी गुजारनी चाहिए. सुन्नत पर अमल करें. इस्लाम अमन व शांति का पैगाम देता है। चंद लोग अपने गलत कामों से इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं.
इस अवसर पर भव्य जुलूस के लिए मार्ग में जगह-जगह खाने की चीजों का स्टॉल लगाये गये थे .ख्वाजा गरीब नवाज कमिटी, करमन टोला ने बड़ी मठिया के पास स्टॉल लगाकर जर्दा व्यंजन वितरित किया. इस अवसर पर आफताब, मो कैफ, बब्लू, मंजन, मो इजराइल, मो अब्दुल, मो अफजल, मो चांद आदि थे. जगजीवन मार्केट के तत्वावधान में गोपाली चौक पर सोनपापड़ी बांटी गयी. जहाँ सोनू, असगर, आजाद, दिलशाद, लक्की, मो कलीम, मो मुन्ना, मो जमालू, मो सनाउल्ला आदि थे. आशिकाने रसूल कमिटी द्वारा धर्मन चौक पर स्टॉल लगाया गया. सकरपाले को रेयाज अहमद, मो रेयाजुद्दीन, परवेज आलम, अनवर आलम, खलील, हैदर अली, सरफराज अहमद, मो सुल्तान, मो आलम आदि ने बांटा, इंडियन टेलर्स की ओर से मो नौशाद के नेतृत्व में कॉफी व बिस्किट बांटी गई. साबिर अली, असलम अली व दानिश ने साबिर टॉर्च दुकान के पास जर्दा, सकरपाला व बिस्कुट बांटा. इस्लामिया कमिटी, तरी मुहल्ला द्वारा चिकेन बिरयानी, भेज बिरयानी व जर्दा को टाउन स्कूल के पास बांटा गया.
हम ने भी जुलुस में शामिल लोगों की खिदमत की
हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान, सन्नी, मो ताज, मो तनवीर, संजर आलम, डा जमाल, अशरफ, मो सैफ, शाहिद आदि थे। गरीब नवाज कमिटी की ओर से डीटी रोड में खुरमा सवैब अहमद, बरकत अली, शमशेर अली, अलाउद्दीन, फिरोज, जाफर आदि ने बांटा। तालाब की मस्जिद कमिटी की ओर से टाउन थाना मोड़ के पास खिचड़ा व माकूती मो परवेज आलम, मो महताब, मुल्तान खां, मो एकराम आलम, सुल्तान खां, मो फिरोज आदि ने बांटा. मदीना गारमेंट्स की ओर से टाउन थाना मोड़ के पास जर्दा बांटा गया. मो जमील, मो वसीम, मो मजहर, मो गुलाम, कादिर, इस्माइल, मो आफताब आदि थे.
भव्य जुलूस में शहर के विभिन्न मुहल्ले से लोग शामिल हुए. जिसमे फैजाने मदीना नौजवान कमिटी, मुस्लिम कमिटी करमन टोला, मुस्तफा कमिटी, रहट बिंद टोली, आशिकाने मुस्तफा कमिटी, जगजीवन मार्केट समेत अन्य कमीटियां शामिल थीं. इसके अलावे पकड़ी, मिल्की अनाईठ समेत अन्य मुहल्लों के लोग शामिल थे.
रिपोर्ट आरा से ओपी पाण्डेय