परीक्षा देने से वंचित रखा गया महिला को
छात्र संगठनों ने किया हंगामा
मामला आईबीपी के परीक्षा का
रोड जाम, आगजनी और केंद्र को रद्द करने की मांग
अभीतक सुनने को ये मिलता था कि कोई नाम अगर सही नहीं हुआ तो ये साबित करना मुश्किल हो जाएगा कि उक्त नाम ही उस शख्स ही वो व्यक्ति है. कुछ ऐसा ही मामला सामने में आया बैँक का परीक्षा देने आयी एक महिला कैंडिडेट के साथ. बैंक की परीक्षा देने रोहतास से आई सपना कुमारी का बैंक क्लर्क बनने का सपना टूट गया. क्योंकि नाम में कुमारी व देवी के चक्कर में परीक्षा सेंटर के वीक्षकों ने उसे परीक्षा देने से मना कर दिया. वह लाख मिन्नतें करती रही, लाख हाथ पैर जोड़ती रही, ये साबित करने की कोशिश करते रही कि शादी के पहले वाली सपना कुमारी अब सपना देवी हो गयी है. मगर वीक्षकों को ये बात नागवांर लगा. अपने सहपाठियों को परीक्षा देते दूर से ही सपना देखती रही और फफक फफक कर रो पड़ी.
मामले ने तब तूूल पकड़ा जब NSUI छात्र संगठन के लड़कों ने सपना को रोते देखा और कारण पूछा. छात्र संघटन के लोगों ने पहले तो केंद्र पर सपना की बातों को समझाने की कोशिश की लेकिन जब उनलोगों की भी परीक्षा केंद्र पर वीक्षकों ने नहीं सुनी तो NSUI ने जिलाध्यक्ष अभिषेक द्विवेदी के नेतृत्व में तत्काल पकड़ी चौक पर क्लाउड एसएमबी इन्फोटेक सेंटर के समीप सड़क जाम कर अगजनी की तथा विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. देखते ही देखते शहर जाम हो गया जिससे आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया और वाहनो की लंबी कतार चारों तरफ से लग गयी. NSUI के छात्र शिक्षकों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. जिला-अध्यक्ष अभिषेक द्विवेदी ने कहा कि जीवन भर तैयारी करने के बाद जब फल मिलने का समय आया तो छात्रा के साथ गलत व्यवहार कर बाहर निकाल दिया गया. उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया, जो कतई मंजूर नहीं. सड़क जाम के बाद स्थानीय थाने की पुलिस पहुंची जिसे छात्रों को काफी देर मान मनौवल करना पड़ा तब जाकर जाम हटा. लेकिन मुद्दा बना का बना रह गया कि छात्रा सपना कुमारी है या सपना देवी ?? इधर और डबडबाती आंखों से निरीह की तरह सपना अपने भविष्य को चकनाचूर होते देखती रही.
परीक्षा से वंचित होने का क्या था कारण?
रोहतास से हंसी-खुशी सपना आईबीएस क्लर्क बैंकिंग की परीक्षा देने पकड़ी स्थित क्लाउड्स एसएमबी इन्फोटेक सेंटर पर आयी थी. अंदर प्रवेश करने पर उसका वोटर आईडी कार्ड चेक किया गया तो उस पर सपना देवी अंकित था जबकि जिस परीक्षा को देने के लिए एडमिट कार्ड जारी किया गया था उस पर सपना कुमारी लिखा हुआ था. जबकि नियम के नुसार परीक्षा में वही नाम यूज किया जाता है जो मैट्रिक के सर्टिफिकेट में रहता है. सपना की शादी हुई तो उसके ससुराल वालों ने वोटर आईडी कार्ड में सपना देवी चढ़वा दिया. शादी के बाद अक्सर लड़कियों के नाम में देवी जोड़ दिया जाता है. सपना के ससुराल वालों ने यही किया था. बस दोनों कार्डो में डिफरेंट देख शिक्षकों ने परीक्षा देने से मना कर दिया. जिस कारण सपना देवी का परीक्षा देने का सपना धरा का धरा रह गया.
केंद्र पर कहीं धांधली तो नहीं होती??
इधर उक्त परीक्षा केंद्र क्लाउड एसएमबी इन्फोटेक सेंटर की बात की जाए तो परीक्षा केंद्र ही अराजक का घर है. किराए के मकान में परीक्षा चल रही थी. अंदर किरायेदार भी रहते हैं और नीचे एक छोटे से रूम में परीक्षाएं आयोजित हो रही थी. यहाँ तक कि परीक्षार्थियों का सीट अरेंजमेंट तक भी चिपकाया नहीं गया था. परीक्षा के दौरान एक प्राइवेट गार्ड तक नहीं था और ना ही जिला प्रशासन के तरफ से कोई सिपाही या मजिस्ट्रेट की नियुक्ति थी. इस स्थिति में इतने बड़े स्तर पर पूरे भारत में ibps बैंकिंग की परीक्षा जो ऑनलाइन आयोजित होती है उसकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है. ऐसे केंद्र पर कैसे परीक्षाएं आयोजित हो रही है यह जांच का विषय बनता है. इस बाबत जब नवादा थाना अध्यक्ष से पूछताछ की तो उनका कहना था कि मुझे किसी परीक्षा की जानकारी नहीं है.
परीक्षा केंद्र को रद्द करने की छात्र संगठन ने की मांग
छात्र नेता अभिषेक द्विवेदी ने कहा कि एक छोटे से सेंटर पर परीक्षा ली जा रही थी, जहां किराए पर लोग रहते हैं. इस परीक्षा केंद्र पर धारा 144 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया गया. किसी भी तरह की सुरक्षा यहां नहीं दिखाई दी. छात्र नेता का आरोप था कि जानबूझकर परीक्षा केंद्र को गली में दिया गया था ताकि किसी गड़बड़ी को अंजाम दिया जा सके उन्होंने तत्काल परीक्षा केंद्र को रद्द करने की मांग बैंकिंग के बड़े अधिकारियों से की है. इस अराजकता के लिए सड़क जाम कर जांच की मांग करने वालों में भोजपुर जिला nsui के अध्यक्ष अभिषेक द्विवेदी, परीक्षार्थी सपना कुमारी, संदीप कुमार, श्री कृष्ण, हरि, दुलदुल सिंह, राणा सिंह,कामेश्वर कुमार कन्हैया, मुकुल सिंह, सुमित कुमार, समीर कुमार, सोनू यादव, विकास मिश्रा, पंकज सिंह, पवन राय, राहुल सिंह, विकास कुमार कुंदन कुमार, दीपक कुमार, अभिषेक राय, अनुज कुमार, उज्वल कुमार, अनूप कुमार सुशील कुमार, अरुण सिंह, शिव शंकर शर्मा, विशाल कुमार, आशुतोष पांडेय, अनुपम मिश्रा बी के मिश्रा, सागर आनंद, प्रशांत ओझा, प्रशांत सौरभ, हप्पू सिंह इत्यादि के साथ सैकड़ों की संख्या में एनएसयूआई से जुड़े छात्र शामिल थे.
रिपोर्ट -आरा से ओ पी पांडेय