विनर टीम के ट्रायल पर अड़ी विश्वविद्यालय
विनर टीम ‘शारंगम’ शाहजहाँपुर में कर रही है प्रदशर्न
आरा, 19 दिसम्बर. VKSU का विवादों से गहरा नाता रहा है. आए दिन विवि में विवाद अपनी पैठ बनाने के लिए मुँह बाये खड़े रहता है. अब इस बार लगता है विवाद ईस्ट जोन कल्चरल फेस्टिवल में सलेक्शन को लेकर है. बताते चले की अक्टूबर माह में विश्वविद्यालय से 40 सदस्य टीम 25 विधाओं में प्रदर्शन करने के लिए दरभंगा गई थी जिसमें से उसने चार पुरस्कार झटके थे. जिसमें नाटक और झांकी में 2nd, क्ले आर्ट में 3rd और वेस्टर्न म्यूसिक में 3rd अवार्ड झटक कर प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय की इज्जत बचाई थी. पुनः दरभंगा में ही 3 जनवरी से 7 जनवरी 2019 तक ईस्ट जोन कल्चरल फेस्टिवल का आयोजन होने वाला है जिसमे विवि नए सिरे से दमदार प्रतिभागियों के लिए हर विधाओं में ट्रायल का आयोजन कर रही है. यह चयन गुरुवार, 20 दिसम्बर को होना तय हुआ है. लेकिन फिलहाल नाटक की यह विनर टीम राष्ट्रीय नाट्य प्रतियोगिता “शारंगम”(16-19 दिसम्बर 2018) शाहजहाँपुर में अपनी प्रस्तुति देने गयी है जो 20 दिसम्बर के रात्रि में वापस आने वाली है.
क्या है मामला?
शारंगम में गयी विनर टीम ने 20 दिसम्बर को होने वाले ट्रायल के दिन न रहने की असमर्थता दर्शायी थी और अपने ट्रायल के लिए उक्त तिथि के पहले या बाद में ट्रायल देने का आग्रह किया था.
यहाँ तक कि टीम लीडर व विवि के छात्र अध्यक्ष अमित सिंह ने प्रतियोगिता स्थल पर हुई प्रस्तुति की रिकॉर्डिंग को ट्रायल के लिए भेजने की बात की थी लेकिन विवि आपने जिद्द पर अड़ा हुआ है. अमित सिंह ने बताया कि VC से बात करने पर इस संबंध मे उन्होंने कहा कि कोई फैसला DSW प्रो. डॉ. कुंदन सिंह ही निर्णय लेंगे. वही कुंदन सिंह ने इस सम्बंध में अपना पाला झाड़ते हुए कहा कि VC साहब जो कहेंगे वही होगा. ट्रायल में अनुपस्थित रहने वालों पर कोई विचार नही किया जाएगा. वही पटना नाउ से बात करते हुए pro VC ने कहा कि ऐसी छोटी-छोटी बातों को VC नही देखता.
1 दिन में कैसे होगा 27 विधाओं का ट्रायल ?
DSW से जब पटना नाउ ने यह पूछा कि 1 दिन 27 विधाओं का सलेक्शन कैसे होगा तो उन्होंने बताया कि जरूरी नही कि सभी विधाओं से प्रभागी ट्रायल के लिए आये हीं. DSW ने पटना नाउ से बात करते हुए कहा कि उनकी कुछ मजबूरियां हैं, जिसकी वजह से तय तारीख में ही सलेक्शन करना होगा और किसी भी व्यक्ति विशेष के लिए अलग से ट्रायल लेकर वे विवादों में नही पड़ना चाहते. उनके अनुसार उनकी मजबूरी 20 दिसम्बर तक ही फाइनल लिस्ट भेजने की है. इधर अगर सूत्रों की माने तो कई महाविद्यालयों में ईस्ट जोन कल्चरल फेस्टिवल के ट्रायल लिए कोई सूचना ही नही दी गयी है. इतना ही नही PTI और कल्चरल के लिए DSW के अलावा कोई देखने वाला ही नही है.
इधर विवि की प्रतिष्ठा को चार चांद करने वाले नाटक प्रतिभागियों में मायूसी इस बात की है कि उनकी प्रस्तुति को तरंग 2018 के सलेक्शन के दौरान ही विवि के pro VC समेत सभी पदाधिकारियों ने देखा था. यहां तक कि DSW खुद नाटक के लाइव शो के दौरान दरभंगा में मौजूद थे और प्रस्तुति को देख प्रफ्फुलित हो सीना चौड़ा किया था. बावजूद इसके विनर टीम को 20 दिसम्बर वाली ट्रायल की अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा. तो क्या विवि अपने जिद्द के कारण अच्छे प्रतिभागियों को नजरअंदाज करेगा या फिर अन्य दल ऐसे मौके पर चयनित कर भेज दिए जाएंगे? विवि के इस तल्ख रवैए से विनर टीम को साजिश की आशंका लग रही है. अब देखना यह होगा कि विवि इस मामले में क्या फैसला लेती है. कहीं इस कड़े फैसले में बेस्ट प्रतिभागी ही छूट न जाएं.अब यह तो सलेक्शन के बाद ही पता चलेगा की ट्रायल विश्विद्यालय की साख बचाने के लिए है या इसमें भी कोई खेल है ?
आरा से ओ पी पांडेय व सत्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट