हाजीपुर से छपरा सड़क
राजीव रंजन सिंह की राष्ट्रीय राजमार्ग से सम्बंधित जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिग्का पर सुनवाई करते हुए इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि हाजीपुर में आर ओ बी का निर्माण कार्य एक दशक बाद भी पूरा नहीं सका.
कोर्ट ने गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण कंपनी को छह माह का समय दिया. साथ ही कहा कि निर्माण कार्य दोनों ओर हाजीपुर और छपरा से शुरू होना चाहिए. निर्माण कंपनी द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए दस महीने की मोहलत मांगी गई,जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया.
कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान वैशाली के डी एम से पूछा कि प्रशासन इस मामलें में क्या कर रहा था. कोर्ट ने उनसे जानना चाहा कि जनता की मुश्किलों को दूर करने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की.
वैशाली के जिलाधिकारी ने बताया कि हाजीपुर के रामाशीष चौक से बस स्टैंड नेटवर्क से हटा दिया गया है. साथ ही ये भी बताया कि रामाशीष चौक पर जाम का मुख्य कारण अंजानपीर चौक से आर ओ बी का नहीं बनना और दोनों साइड सड़कों का खस्ताहाल होना और साथ ही जगह जगह मनमाने तरीके से स्पीड ब्रेकर का निर्माण किया जाना है.
कंपनी के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने बताया कि अंजानपीर दोनों ओर की सड़कों को एक माह में मरम्मत और निर्माण कार्य पूरा कर सड़क को ठीक कर दिया जाएगा. साथ ही अजानपीर के आसपास अनावश्यक स्पीड ब्रेकर को भी हटा दिया जाएगा.
कोर्ट को निर्माण कार्य करने वाली कंपनी की ओर से बताया गया कि हाजीपुर में आर ओ बी बनाने का कार्य चल रहा है और दो माह में यह चालू हो जाएगा. साथ ही एन एच ए आई की सहमति से हाई वॉल्टेज ट्रांसमीटर टावर स्थानांतरित करने का कार्य दो माह में पूरा हो जाएगा. इस मामले में अगली सुनवाई अप्रैल के तीसरे सप्ताह की जाएगी.
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