शिक्षकों को चपरासी से भी कम वेतन क्यों?

आखिरकार नियोजित शिक्षकों के वेतन को लेकर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है. शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट में शिक्षकों का पक्ष रखते हुए नियोजित शिक्षकों के वकील ने मुख्य न्यायाधीश से कहा कि राज्य के नियोजित शिक्षकों की बहाली के लिए निर्धारित न्यूनतम अर्हता वही है, जो एक सरकारी शिक्षक के लिए निर्धारित है.




वकीलों ने सवाल उठाया कि जब नियुक्ति की अर्हता समान है और समान कार्य लिया जा रहा है फिर नियोजित शिक्षकों का वेतन चपरासी से भी कम क्यों ? अदालत ने कोर्ट में मौजूद सरकार के कनीय अधिवक्ता से कहा कि सोमवार को शिक्षकों की बहाली के लिए निर्धारित न्यूनतम अर्हता, उन्हें दिये जा रहे वेतन और चपरासी को मिलने वाली सुविधा संबंधी पूरी नियम – नियमावली के साथ उपस्थित हों.

माना जा रहा है कि सोमवार को सरकार के जवाब पर  हाई कोर्ट शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुना सकता है. क्योंकि एक सरकारी चपरासी को मिलने वाला वेतन और सुविधाएं नियोजित शिक्षकों के वेतन की तुलना में काफी बेहतर है.

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