गंगा में स्नान के साथ ही शुरू हुआ जलाभिषेक का सिलसिला
सावन की तीसरी सोमवारी को शिव के जलाभिषेक के लिए रविवार से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी. बक्सर के रामरेखा घाट और नाथ बाबा घाट कांवरियों के रेला के चलते भगवा रंग से रंग गया था. सुबह चार बजे से ही कांवरियों का जत्था बक्सर के गंगा घाटों पर पहुंचने लगा. रामरेखा घाट रोड की दुकानें बोलबम के ड्रेस और कांवर से पट गयी थी. प्रसाद, कपड़ा, कांवर समेत अन्य पूजा सामग्रियों की सजी हुई दुकानें और कांवरियों की भीड़ से मेला का नजारा दिख रहा था. जैसे-जैसे दिन चढ़ते गया शिव भक्तों की भीड़ बढ़ती चली गई. सुबह से लेकर देर रात तक शहर बोल बम और बाबा नगरिया दूर है, जाना जरूर है और भोले शंकर के जयघोष से गूंजता रहा.
रामरेखा घाट से कांवर लेकर जाते कांवरियां
ब्रह्मेश्वर धाम के लिए रवाना हुए कांवरिया
तीसरी सोमवारी पर ब्रह्मपुर स्थित ब्रह्मेश्वर धाम पहुंचने के लिए दोपहर दो बजे रामरेखा घाट और नाथ बाबा घाट से कांवरियों का जत्था प्रस्थान करने लगा. शिव भक्त पहले गंगा स्नान किए. उसके बाद श्री रामेश्वर नाथ मंदिर और नाथ बाबा के मंदिर में पूजा अर्चना करने के साथ कांवर का पूजा किए. पूजा अर्चना के बाद कांवरियों का दल ब्रह्मपुर के रवाना हुआ. पूरी रात पैदल चालीस किलोमीटर का यात्रा कर सुबह में ब्रह्मेश्वर धाम पहुंचेंगे. वहीं रास्ते में छोटे बाजार और चौक चौराहों पर कांवरियों की सेवा में समाजिक संस्था के लोग और ग्रामीण इंतजाम किए हुए थे.
बक्सर से ऋतुराज