जीवन जीने की सुखद कला ‘आर्ट ऑफ गिविंग’

आर्ट ऑफ गिविंग का 10वां आयोजन पटना में

पटना,20 मई. क्या आपने कभी किसी के लिए कुछ देने की सोची है? अगर नही तो आदत डाल लीजिये जीवन जीने की यह भी एक कला है. आर्ट ऑफ लिविंग की तरह आर्ट ऑफ गिविंग भी एक कला है जीवन जीने की, जिसमें दूसरों को देकर जो आत्मिक सन्तुष्टि होती है उससे अधिक खुशी शायद दुनिया की कोई दौलत नही देती है. जीवन के इस अद्भुत जीने की फिलॉस्फी ही है आर्ट ऑफ गिविंग, जिसका आयोजन पिछले दिनों बिहार की राजधानी पटना में हुआ.




कीट और कीस विश्वविद्यालय भुवनेश्वर ओडिशा के संस्थापक डॉ अच्युत सामंता के द्वारा 10वां अन्तर्राष्ट्रीय आर्ट ऑफ गिविंग दिवस पटना में मनाया गया. यह कार्यक्रम एक दर्शन पर आधारित है जिसके माध्यम से पूरे विश्व स्तर में आर्ट ऑफ गिविंग यानि कि “देने की कला” का ज्ञान-दर्शन कराया जाता है.

सांसद डॉ अच्युत सामंता द्वारा कीस के माध्यम से अबतक 32000 बच्चों को आवासीय व्यवस्था के तहत रहने,खाना, शिक्षा सब फ्री में दिया जाता है. डॉ अच्युत सामंता को समाज के प्रति इतना सहयोग सराहनीय और अतुलनीय है. यह कार्यक्रम इनके फिलॉस्फी का एक हिस्सा है. डॉ अच्युत सामंता अपने फिलॉस्फी को अपने जीवन मे चरितार्थ करते हैं. पिछले दिनों आयोजित इस कार्यक्रम में समाज को समर्पित इस बहुआयामी योजनाओं में मददगार बनाने के लिए मदद का स्लोगन दिया गया.

यह कार्यक्रम पटना में विधान परिषद के एनेक्सी हॉल में कीट एवम बिहार चैप्टर के बिहार संयोजक सोनू प्रियदर्शी के द्वारा स्थानीय स्तर पर आयोजित किया गया. जिसके मुख्य अतिथि के रूप में सुधा वर्गीस, आर सी बी सिंह, पूर्व वीसी, विधायक भागीरथी देवी भी उपस्थिति रही.

मंच का संचालन प्रख्यात समाज सेवी बी बी वर्मा ने किया. गणमान्य व्यक्ति मनीष झा, बिकल बिहारी वर्मा,दीपक कुमार, परुषोत मिश्रा , नरेश कुमार सिंह, बिहार के प्रख्यात पेंटर रंजीत कुमार बिहार से सम्मानित जयंत कुमार, राजन कुमार सिंह सहित कई अन्य थे. सभी अतिथियों को बुके देकर सोनू परीदर्शी द्वारा समानित क्या गया

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