बिहार संग्रहालय में आयोजित है प्रदर्शनी
चित्र प्रदर्शनी के जरिए दिखाई जा रही है गुरू गोविंद सिंह साहिब की जीवनी
गुरू गोविंद सिंह जी ने हमें उन्नत इतिहास दिया है-मंत्री शिवचंद्र राम
सारे चित्र और कल्पनाएं पंजाब डिजिटल लाइब्रेरी की है- चैतन्य प्रसाद
सिख समुदाय के दसवें धर्म – गुरू गोविंद सिंह जी के 350वें जन्मदिवस पर राज्य भर में आयोजित भव्य कार्यक्रमों के दौरान बिहार संग्राहलय में एक छाया प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसका विधिवत उद्घाटन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार के मंत्री शिवचंद्र राम ने किया. पंजाब डिजिटल लाइब्रेरी चंडीगढ़ के सहयोग से बिहार संग्रहालय में आयोजित इस छाया प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार के मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि गुरू गोविंद सिंह जी के जन्मदिवस पर 350वें प्रकाशेत्सव का आयोजन कर बिहार की धरती आज गौरवान्वित महसूस कर रही है. ये हमारा सौभाग्य है कि गुरू गोविंद सिंह जी का जन्म बिहार की माटी में हुआ और आज हमें उनके जन्मदिवस का 350वें प्रकाशोत्सव का आयोजन करने का मौका मिला है.
मंत्री शिवचंद्र ने कहा कि सिख समुदाय के दसवें धर्म – गुरू गोविंद सिंह जी ने हमें उन्नत इतिहास दिया है, जिसे आज संजो कर रखने की जरूरत है. ऐसे में इस छाया प्रदर्शनी में बादशाह दरवेश गुरू गोविंद सिंह जी के जीवन, उनके द्वारा किए गए सामाजिक कल्याण कार्यों और शिक्षाओं को प्रदर्शित किया जाएगा. साथ ही सिख धर्म के पुनर्रोद्धार में उनके योगदान को इस छाया प्रदर्शनी दर्शाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसी प्रदर्शनी का आयोजन बिहार के सभी संग्रहालयों में किया जाना चाहिए, ताकि लोगों का गुरू गोविंद सिंह के जीवन से परिचय हो सके. इस छाया प्रदर्शनी के लिए श्री शिवचंद्र राम ने समारोह के विशिष्ट अतिथि दविंदर पाल सिंह, सह – संस्थापक पंजाब डिजिटल लाइब्ररी, चंढ़ीगढ का आभार जताते हुए कहा कि उनके सहयोग के बिना छाया प्रदर्शनी का आयोजन संभव ना होता. उन्होंने बताया कि पांच जनवरी 2107 तक चलने वाले इस छाया प्रदर्शनी में प्रवेश नि:शुल्क होगा.
वहीं, उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि इतने महापुरूषों के जन्म स्थली होने के कारण आज बिहार गौरवान्वित महसूस कर रहा है. हम गुरू गोविंद सिंह जी और इस कौम का भी आभार व्यक्त करते हैं. इस छाया प्रदर्शनी में सभी को आंनद आयेगा और बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस आयोजन में प्रदर्शित सारे चित्र और कल्पनाएं पंजाब डिजिटल लाइब्रेरी की है, जिसमें दुुनिया भर से सिख ट्रेडिशन और पुजाब के मनुस्क्रीप्टस को डिजिटलाइज्ड करने का सराहनीय प्रयास किया है. यह दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल लाइब्रेरी है, जो लाखों पेज को डिजिटलाइज्ड कर चुका है. इसलिए बिहार संग्रहालय ने इस प्रदर्शनी को उनके सहयोग से आयोजित किया है.
उद्घाटन सत्र के बाद पंजाब डिजिटल लाइब्ररी, चंढ़ीगढ के सह – संस्थापक दविंदर पाल सिंह ने प्रदर्शनी का परिचय प्रस्तुत किया. इससे पहले मुख्य अतिथि विकास आयुक्त के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने भी आयोजन को महत्वपूर्ण बताया और इसके सफलता की कामना की. अंत में बिहार संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ जय प्रकाश नारायण सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया. वहीं, छाया प्रदर्शनी के उद्धाटन सत्र में बतौर विशेष अतिथि अनाद फाउंडेशन दिल्ली के अध्यक्ष भाई बलदीप सिंह, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार के अपर सचिव आनंद कुमार, संस्कृति निदेशक सत्यप्रकाश मिश्रा, अतुल वर्मा, संजय कुमार, अरविंद महाजन, मोमिता घोष, राजकुमार झा और मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा मौजूद थे.