बिहार के वरिष्ठ पत्रकार गुंजन सिन्हा के पिता रत्नेश्वर प्रसाद सिन्हा का आज पटना में इलाज के दौरान देहावसान हो गया.वे 86 वर्ष के थे.उनका अंतिम संस्कार पटना के गुलबी घाट पर किया जाएगा. स्व रत्नेश्वर प्रसाद सिन्हा आरा में पकड़ी मुहल्ले में रहते थे.बड़े ही मिलनसार और किसी को भी अपने बेटे जैसा प्यार देने वाले स्व प्रसाद के निधन से सभी लोग मर्माहत है.
गुंजन सिन्हा की कलम से
योद्धा की तरह जीवन भर संघर्षरत रहे मेरे पिता श्री रत्नेश्वर प्रसाद सिन्हा. दादाजी, स्व. डाक्टर राम अवधेश प्रसाद ने अपनी आधी जिन्दगी अयोध्या में मंदिर में पूजा करते बिताई और मेरे पिता कभी मंदिर गए ही नहीं. ईश्वर से लड़ते रहे. न हार मानी, न सरेंडर किया, न पूजा की. आज भी वैसे ही थे अलग बात है कि मैं भी उनसे वैसे ही लड़ता रहता था . हम लोग पीढ़ियों से कभी एक मत नहीं हुए. और उन्होंने मुझे उनसे लड़ने की आजादी दी. कभी इसका बुरा नही माना. उलटे मुझे खुद से लड़ने को जबरन उकसाते रहते हैं. देह थक रही थी लेकिन सहारा आज भी नहीं मांगा . छड़ी लेकर चलना उन्हें बुरा लगता था. इस उम्र में भी अपने मंदबुद्धि बेटे, मेरे सबसे छोटे भाई की चौबीसों घंटे देखभाल वही करते थे .आज सुबह हमें छोड़ कर सदा के लिए चले गए भगवान् उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें.