सरकारी कर्मचारी, नेता, डॉक्टर, वकील,बिजनेसमैन सब पीते हैं शराब-अधिकारी




थोड़ी सी जो पी ली बस जुर्माना भर दिया

अब तक 456 वीआइपी हुए गिरफ्तार

हर रोज सामने आरही है बिहार में शराबबंदी कानून की हकीकत

जुर्माने के रूप में वसूले गए करोड़ों रुपए

पीने की रफ़्तार और शराब की उपलब्धता पहले से ज्यादा

जनवरी में जहां औसत प्रतिदिन गिरफ्तारी 40 थी, नवंबर में 751 गिरफ्तारी

2016 में नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री थे ठीक उसके दो साल पहले गाँव- गाँव,मुहल्ले में एक नहीं चार चार दुकाने खुल गई थी ये विदेशी शराब की बात थी देसी शराब की दुकानें भी उनके समांनातर जोर जोर से चल रही थी मगर सरकार ने महिला उत्पीड़न का हवाला देकर राज्य में शराब बंदी कर दी गई,अब जब सब ज=कुछ उल्टा पुलटा होने लगा तो राज्य सरकार ने और ऐसे प्रावधान ला दिए जिससे जेल जाने वालों की संख्या तो कम हुई पर अब कमाई का धंधा बन गया शराब पीना और बेचना.

बिहार में शराबबंदी कानून में अब शराबियों को राहत दी जाने लगी। 1 अप्रैल 2022 को शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद शराब पीने वालों के पास जुर्माना देकर छूटने का विकल्प दे दिया गया है। आंकड़ों पर नजर डाले तो बिहार में शराब पीने वाले लोग जुर्माना देकर धड़ल्ले से रिहा हो रहे हैं। शराब बिक भी रही है लोग पी भी रहे है अब तक बिहार में शराब पीने के आरोप में अरेस्ट हुए 15 हजार से ज्यादा लोग जुर्माना देकर रिहा हो चुके हैं। इन सभी लोगों को स्पेशल कोर्ट से जमानत मिली है। शराबबंदी कानून में धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े गए लोगों को शपथ पत्र के साथ 2 से 5 हजार रुपए जुर्माना देकर छुट गए.शराबबंदी कानून में छूट के बाद शराब पीने वाले 13391 लोग जुर्माना देकर रिहा हुए।1289 ऐसे लोग जुर्माना देकर रिहा हुए जो कानून में संशोधन से पहले अरेस्ट हुए थे। पहली बार शराब पीते पकड़े गए 774 लोगों ने जुर्माना देने से मना कर दिया। जुर्माना नहीं देने वाले लोगों को एक महीने की सजा काटनी पड़ी। हर महीने शराब पीते पकड़े जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नया कानून लागू होने के बाद लोगों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

इस साल शराब पीते पकड़े गए लोगों से जुर्माने के रूप में करीब 4 करोड़ रुपए वसूले वहीँ तीन महीने अप्रैल से जून तक 17553 लोग पकड़े गए जबकि 13391 लोग 4 करोड़ 51 लाख रुपये देकर छूट गए. जुलाई से लेकर अब तक सरकार को शराब पीने वाले और बेचने वाले की संख्या 30 फीसदी बढ़ गई है. अब सरकार में शामिल दल के नेता भी शराबबंदी को गलत ठहराया है खुलेआम शराब बेचने की बात कर रहे है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि राज्य में शराब की बंदी न्यायोचित नहीं है वहीँ उपेन्द्र कुशवाहा ने भी इसे विफल करार कर दिया है. शराब के व्यवसायी ने बताया कि शराब बंदी को सिर्फ एक पार्टी के विशेष लोगों को सड़क पर लाने के लिए ऐसा किया गया. जो आज गठबंधन की सत्ता में है.

शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब पकड़ी जा रही है, बनाई जा रही है और पुलिस वाले हों या नेता या फिर आम लोग इसका सेवन भी कर रहे हैं. बिहार की प्रमुख दल भाजपा भी शराबबंदी की समीक्षा करने की मांग कर चुकी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल साफ तौर पर कह चुके हैं कि राज्य में शराबबंदी कानून फेल है. उन्होंने बिहार पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए.

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने कहा कि 12 नवंबर तक कुल 456 शराब पीते वीआइपी की गिरफ्तारी की गई है. इनमें 48 सरकारीकर्मी, 33 जनप्रतिनिधि, 18 डॉक्टर तथा आठ अधिवक्ता शामिल हैं. इस दौरान पुलिस ने भी 19 सरकारीकर्मी, 16 जनप्रतिनिधि, तीन डॉक्टर व दो अधिवक्ताओं को शराब पीने के जुर्म में पकड़ा है. अप्रैल में शराबबंदी कानून में हुए संशोधन के बाद अब तक 754 अभियुक्तों को दोबारा शराब पीते हुए पकड़ा गया है. इनमें उत्पाद विभाग 349 जबकि पुलिस विभाग ने 405 अभियुक्तों को  गिरफ्तार किया है. इनमें से करीब 100 अभियुक्तों को एक साल की सजा भी सुना दी गई है, जबकि बाकी का ट्रायल चल रहा है.

शराबबंदी को लेकर बढ़ी सख्ती के बाद हर दिन गिरफ्तार होने वालों की संख्या में भी इजाफा लागातार हो रहा है.  जनवरी में जहां औसत प्रतिदिन गिरफ्तारी 40 थी, वहीं, बढ़कर यह नवंबर में 751 गिरफ्तारी प्रतिदिन हो गई है. पुलिस और उत्पाद दोनों के आंकड़े मिला लें तो प्रतिदिन औसत 1400 से अधिक अभियुक्त शराब पीने के जुर्म में पकड़े जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने शराबबंदी कानून के आदि समीक्षा में थे और इसका असर भी मद्य निषेध विभाग और पुलिस विभाग के एक्शन में दिख रहा है. उत्पाद आयुक्त ने बताया कि सिर्फ नवंबर में 12 नवंबर तक शराब मामले में  50 हजार ठिकानों पर छापेमारी की गई है. इस दौरान 8298 अभियोग दर्ज करते हुए 16 हजार 825 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस दौरान ऑपेरशन में एक लाख लीटर से अधिक शराब भी जब्त की गई.

इसके पहले अक्टूबर माह में एक लाख से अधिक छापेमारी कर 38 हजार अभियुक्तों को पुलिस और उत्पाद विभाग ने गिरफ्तार किया था. इस दौरान तीन लाख 20 हजार लीटर से अधिक शराब पकड़ी गई जबकि 1500 से अधिक वाहनों को जब्त किया गया. उत्पाद आयुक्त ने कहा क को मद्य निषेध विभाग पुलिस विभाग से मिलकर शराब की सप्लाई वाले चीन को तोड़ने के लिए लगातार एक्शन ले रहा है और भविष्य में इसके और भी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.

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By pnc

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