वीणा वादन से बनी वेदों की ऋचाएं और उससे बना राग वसंत

वसंत पंचमी और पीले रंग का महत्व

वसंत ऋतु में फसलें पकने लगती हैं




फूलों का सौंदर्य पृथ्वी की सुंदरता बढ़ाता है

सृष्टि रचते समय ब्रह्माजी ने अपने कमंडल से जल छिड़का तब शक्ति रूप में छ: भुजाओं वाली देवी प्रकट हुई. जिनके हाथों में पुस्तक, पुष्प, कमंडल, वीणा और माला थी. जैसे ही देवी ने वीणा बजाई, चारों ओर वेद मंत्र गूंज उठे. ऋषि-मुनी आनंदित हो उठे और वसंत पंचमी उत्सव शुरू हुआ. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन देवी मां सरस्वती प्रकट हुईं थी और तब देवताओं ने देवी स्तुति की. स्तुति से वेदों की ऋचाएं बनीं और उनसे वसंत राग बना. इसलिए इस दिन को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है.

संगीत दामोदर ग्रंथ के मुताबिक श्री पंचमी यानी इस पर्व से वसंत राग के गायन की शुरुआत होती थी. इस कारण धीरे-धीरे ये तिथि वसंत पंचमी हो गई. हरिशयनी एकादशी तक गाया जाता है. जो कि जुलाई में आती है. वसंत पंचमी के एक महीने बाद आने वाली वसंत ऋतु में फसलें पकने लगती हैं, फूलों का सौंदर्य पृथ्वी की सुंदरता बढ़ाता है इसलिए ऊर्जा का रूप कहे जाने वाले पीले रंग की प्रधानता वसंत पंचमी पर्व से शुरू हो जाती है.

पीला रंग सूर्य से निकला है इसलिए ये रंग ज्ञान, आध्यात्मिकता और विकासशीलता का प्रतिक है. धार्मिक अनुष्ठानों में पीले रंग का बहुत महत्त्व होता है. इस रंग में क्षमा, गंभीरता, उत्पादन, स्थिरता, वैभव, मजबूती, संजीदगी एवं भारीपन का गुण है. पीला रंग पसंद करने वाले लोग तेज बुद्धि और अच्छी यादाश्त वाले होते हैं. पीला रंग मन को मजबूत करता है. ये रंग हमारे नर्वस सिस्टम पर असर डालता है जिससे दिमाग में सेरोटोनिन हॉर्मोन निकलता है. जो मूड और फीलिंग्स को अच्छा करता है. पीला रंग ऊर्जा, खुशी, सकारात्मकता, आत्मविश्वास, स्वाभिमान और रचनात्मकता से जुड़ा है. ये सभी पहलू सृजन और विकास में मददगार होते हैं. ये रोशनी का रंग भी है. जो अंधकार और नकारात्मकता से बचाता है. इसलिए वसंत पंचमी पर पीले रंग के कपड़े पहनने की परंपरा है. पीले कपड़ों से कॉन्फिडेंस बढ़ता है.

पीले रंग का सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है. इस रंग की सब्जियां और फल कई बीमारियों से बचाने में भी मददगार होते हैं. इनमें विटामिन सी बहुत होता है. साथ ही इनमें कैरोटिनॉइड भी होता है जो स्कीन को सुंदर बनाने के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. पीले रंग के फल और सब्जियों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी बहुत होते हैं. जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं.ये रंग आशावान और सकारात्मक सोच का प्रतीक माना जाता है. पीला रंग हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है. ये सादगी और निर्मलता को भी दर्शाता है. ज्योतिष विज्ञान में बृहस्पति नव सृजन का कारक होता है. इस ग्रह का रंग भी पीला है.

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By pnc

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