अरुण बक्शी को भाया गंगा स्नान, बोले आसान नही है नाटक करना

चंपारण, 4 मार्च. “राजनीति पर आधारित ‘बकरी’ फिल्म ने देश में चर्चित किया, जिसमें 20 गाने गाएं , वही ‘सफेद कुंडली’ फिल्म में 55 गानें गाकर तहलका मचा दिया,”- उक्त बातें शुक्रवार को कचहरी रोड स्थित ऑडिटोरियम में फ़िल्म और थियेटर के जाने-माने अभिनेता व गायक अरुण बक्शी ने की. वे चंपारण रंग एवं लघु फिल्मोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. बता दें कि वे पहले व्यक्ति है जिन्होंने कलाकार के रूप में 200 फिल्मों में काम तो किया ही पार्श्व गायक के रूप में 331 गाने भी गा चुके हैं. उन्होंने कहा कि थिएटर करना बहुत ही मुश्किल काम है. आरा से प्रस्तुति करने गयी टीम द्वारा प्रस्तुत नाटक गंगा-स्नान उन्हें खूब भाया जिसे उन्होंने खूब सराहा. उन्होंने आयोजकों से लेकर कलाकारों तक को खूब सराहा और कहा कि थियेटर आसान नही है. यह बहुत ही मेहनत और साधना का काम है.




अरुण बक्शी कलाकारों व दर्शकों को संबोधित करते हुए

तीन दिवसीय चंपारण रंग एवं लघु फिल्मोत्सव कार्यक्रम के आखिरी दिन तीन नाटकों, और तीन फिल्मों के स्क्रीनिंग के साथ ही महोत्सव का समापन फूलों की होली के साथ सम्पन्न हुआ. महोत्सव के आखिरी दिन शुक्रवार को भिखारी ठाकुर द्वारा लिखित व मनोज कुमार सिंह द्वारा निर्देशित नाटक गंगा स्नान का सफल मंचन हुआ, जिसे देख दर्शक बाग-बाग हो गए. माता-पिता की सेवा का संदेश देता यह नाटक जहां लोगों के दिलों तक गुदगुदाते पहुँचकर आंखों से उनके नमी को बाहर कर गया वही आडम्बरों पर भी नाटक ने करारा प्रहार किया.

नाटका गंगा स्नान का दृश्य

खाँटी भोजपुरिया शैली के साथ नाटक के निर्देशक के द्वारा ग्रामीण चरित्रों के मैनेरिज्म को दिखाना निर्देशक के सोंच की गहराई को साफ दिखाता था. इसके पूर्व भी प्रभाव क्रिएटिव की टीम ने गंगा स्नान की प्रस्तुति से प्रदेश के कई जगहों पर लोगों का दिल जीता है. नाटक के आलावें तीन लघु फिल्म का प्रदर्शन हुआ. पूरे आयोजन के दौरान लगभग 30 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया.

चंपारण रंग एवं लघु फिल्मोत्सव -2023 में प्रभाव क्रिएटिव सोसाइटी द्वारा प्रस्तुत, नाटक- गंगा स्नान भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की कृति है जिसकी परिकल्पना व निर्देशन -मनोज कु.सिंह ने किया था. गांधी आडिटोरियम , मोतिहारी में मंचित इस नाटक के कलाकारों में निम्न कलाकारों ने अपने अभिनय का लोहा मनवाया

कोरस-
1.साहेब लाल यादव
2.लड्डू भोपाली
3.मुकेश ओझा
4.दीपु कुमार
5.राजा
6.सुंदरम
तांत्रिक -लव कुश सिंह
माँ – आशा पांडेय
अटपट – गोकुल गुलशन
अटपट बहु – ऋतु पांडेय
मलेछु – पंकज भट्ट
मलेछु बहु – साधना श्रीवास्तव
संगीत – श्याम बाबू कुमार
गायन – राजा बसंत, मेहंदी राज , शशिकांत निराला
वादन – अभय ओझा (तबला)
हरिशंकर निराला (ढोलक)
प्रकाश – रवि राहुल
दल संयोजक सह रूप सज्जा एवं वस्त्र विन्यास – मनोज श्रीवास्तव

महोत्सव के दूसरे दिन देश भर से विभिन्न भाषाओं की चयनित 23 फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई. जबकि नाट्य एवं कलाकर्मी राजकुमार द्वारा परिकल्पित एवं अभिनीत लघु नाटिका ‘फौजी’ का प्रभावशाली मंचन किया गया. वरीय रंगकर्मी एवं ECZ के सदस्य प्रसाद रत्नेश्वर द्वारा परिकल्पित एवं अभिनीत एकल नाटक ‘विदाउट स्क्रिप्ट का प्रदर्शन हुआ. अपने तरह के अनूठे इस नाटक का कोई स्क्रिप्ट नहीं था. नाटक ने इम्प्रोवाइजेशन के माध्यम से अपने अंत की कहानी को तय किया.

तीसरी और अंतिम प्रस्तुति आशीर्वाद रंगमंडल बेगूसराय की श्रवण गोस्वामी लिखित एवं अमित रौशन द्वारा निर्देशित फुल लेंथ नाटक ‘कठकरेज’ का भावपूर्ण मंचन हुआ जिसे दर्शकों ने काफी सराहा. नाटक में आधुनिकता की अंधी दौड़ में बिगड़ते संबंधों के जीवंत चित्रण को देखने का मौका मिला. कार्यक्रम का संचालन प्रो. अरुण कुमार मिश्र व स्वागत भाषण अनिल वर्मा ने किया.

भोजपुर से मोतिहारी पहुँचे कलाकारों ने आयोजन और अपनी प्रस्तुति से दर्शकों के बीच अपना सम्मान पाकर गदगद हैं. सभी टीम ने अपने चेहतों के साथ जमकर फ़ोटो और सेल्फियां लीं. आयोजनकर्ताओं की तारीफ करते कलाकार दिखे गए. इस आयोजन से संस्कृति और कला को एक मजबूत बल मिला है.

Related Post