नयी दिल्ली | रविवार को नई दिल्ली में ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में विश्व भर में फैले कायस्थों को संगठित होने के लिये आह्वान किया गया. ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (Global Kayastha Conference, जीकेसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने यह आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यदि हम संगठित होकर काम करें तो कायस्थ समाज अपने स्वर्णिम अध्याय और गौरवशाली अतीत को फिर से पाने में सफल हो जायेगा.
जीकेसी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, 40 मैक्समुलर रोड में हुई. इसकी अध्यक्षता जनता दल यूनाईटेड प्रवक्ता और जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने की. इस बैठक के मुख्य अतिथि चक्रपाणि जी महाराज थे.
भगवान चित्रगुप्त जी के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन के बाद राष्ट्रीय गीत और गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत हुई. इसके बाद अभय सिन्हा और माया कुलश्रेष्ठ ने आरती की. बैठक में देश और विदेश भर के सभी पदाधिकारी और सदस्यों ने शिरकत की. कार्यक्रम का स्वागत भाषण दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष विजय चन्द्रदास ने किया जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजीव रंजन प्रसाद और मनोज श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया. मुख्य अतिथि चक्रपाणि ने उद्घाटन संबोधन किया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत के साथ सम्पन्न हुआ.
जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि कायस्थ समाज का ऐतिहासिक एवं गौरवशाली इतिहास रहा है. स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, जय प्रकाश नारायण और बाला साहब ठाकरे जैसी कई विभूतियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कायस्थ समाज का नाम ऊंचा किया है.
उन्होंने कहा कि आज के समय में कायस्थ समाज का नाम ऊंचा बरकरार रखने और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. आज हम इतिहास के एक ऐसे दोराहे पर खड़े हैं जिसकी एक राह से हम गुमनामी के अँधेरे सुरंग में गुम होते चले जायेंगे, तो दूसरी राह पर, यदि आपका साथ मुझे मिला, तो हम एक बार फिर न केवल अपने स्वर्णिम इतिहास दुहरायेंगे बल्कि अनेक नयी कामयाबियों के अध्याय, भावी हिन्दुस्तान में रचने में -भी सफल होंगे.
राजीव ने आगे कहा कि कायस्थ एकजुटता इसलिए भी जरुरी है कि भावी पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य की बुनियाद रखने का गुरुतर दायित्व भी हमारे और आपके कन्धों पर ही है, इसीलिए सभी एक साथ् आयें क्योंकि अभी नहीं तो कभी नहीं वाली बात होगी.
जीकेसी राष्ट्रीय कार्यसमिति की इस बैठक में राजनीति में कायस्थ की उपेक्षा, ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस की ओर से स्टार्टअप प्लान और कला व संस्कृति को बढ़ावा दिये जाने के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी. सभा को जीकेसी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य इकाई के अध्यक्ष ने भी संबोधित कर कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास के बारे में चर्चा की. कार्यक्रम के दौरान जीकेसी की ओर से आयोजित होने वाली गतिविधियों का वार्षिक कैलेंडर लांच किया गया. इसके अलावा स्लम एरिया के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रोड मैप की रूपरेखा भी तैयार की गयी.
इस महत्वपूर्ण बैठक में जीकेसी की राज्य इकाइयों, ओवरसीज विंग एवं प्रकोष्ठों के प्रभारियों के नामों की घोषणा की गयी. जीकेसी राज्य इकाइयों के अध्यक्ष के लिए नाम का प्रस्ताव हितेश मोहन (कार्यकारी अध्यक्ष राजस्थान) और मुकेश सहाय (राष्ट्रीय उपाध्याय) ने किया जिसका सभी लोगों द्वारा सर्वसम्मति से स्वागत किया गया.
जेकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मीडिया प्रभारी कमल किशोर, दिल्ली मीडिया के प्रदेश अध्यक्ष प्रजेश शंकर, अतुल आनंद ‘सन्नू’ ने बताया कि जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन को महिला प्रकोष्ठ एवं बिहार की प्रभारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल श्रीवास्तव को मध्य प्रदेश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिशिर सिन्हा को महाराष्ट्र और गोवा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक अभिषेक को झारखण्ड, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव को राजस्थान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा को मुख्य समन्वयक छत्तीसगढ़ एवं पश्चिम बंगाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक सिन्हा को लीगल सेल का प्रभार दिया गया है.
इस बैठक को मर्यादा कुलश्रेष्ठ, अशोक श्रीवास्तव, अलीशा शिवम, अभय सिन्हा, नेहा निरुपम, उपासना सहाय, अखिलेश श्रीवास्तव, प्रेम कुमार,, आशुतोष बृजेश, सुशील श्रीवास्तव समेत कई लोगों ने संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन हरियाणा जीकेसी के अध्यक्ष अमिताभ कश्यप ने दिया.
(पटना नाउ रिपोर्ट)