‘माया महाठगिनी’ के रचयिता छोड़ चले माया नगरी
आरा. मूर्धन्य भोजपुरी साहित्यकार और स्नातकोत्तर भोजपुरी-हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ गदाधर सिंह ने मंगलवार सुबह 4 बजे अपने निवास कतिरा में आखरी सांस ली. डॉ गदाधर सिंह का जन्म 24 नवम्बर, 1930 को चकवथ, बिहिया में हुआ था. देश के एकमात्र भोजपुरी विभाग की स्थापना और अध्यापन तथा विवि में भोजपुरी भवन के निर्माण में उनका अविस्मरणीय योगदान था.
वे देश ही नही विश्व के पहले भोजपुरी विभागध्यक्ष थे. उनका यह गौरव न सिर्फ भोजपुर का बल्कि भोजपुरी को अंनत तक शान महसूस करता रहेगा. व्यक्ति दो तरह के होते हैं एक जो कुछ लोगों या समाज के लिए जाने जाते हैं और एक वे जो धूमकेतु के प्रकाश की तरह अनंत काल तक अपने प्रकाश से सबको आलोकित किया करते हैं. डॉ गदाधर वैसे ही अनंत काल तक भोजपुरी क्षेत्र और उनके लोगों को प्रकाशवान करने वालों में शीर्ष पर है. सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे आजीवन साहित्य सेवा में लगे रहे और दर्जनों किताब लिखे. भोजपुरी के चर्चित ललित निबंध संग्रह माया महाठगिनी और मोहि ब्रज बिसरत नाहीं की रचना उन्होंने की थी. इसके अलावा भोजपुरी भाषा की विकास यात्रा, भोजपुरी साहित्य का इतिहास और भोजपुरी काव्यधारा उनकी उल्लेखनीय कृतियाँ हैं. भोजपुरी के अलावा हिंदी में कई पुस्तकें उन्होंने लिखी जिनमें हिंदी भाषा के विकास में जैन साहित्य का योगदान और कुँवर सिंह पर एक पुस्तक अहम है. डॉ गदाधर सिंह ने देश के अलग-अलग संस्थानों में भोजपुरी का अध्ययन-अध्यापन कार्य शुरू करवाने में योगदान दिया. भोजपुरी के बारे में चर्चा छेड़ते हीं उनमें ऊर्जा की लहर दौड़ उठती थी. वे पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे.
उनके निधन पर भोजपुरी क्षेत्र के लोगों में दुःख की लहर है. साहित्यारों,संस्कृतिकर्मियों, बुद्धिजीवियों, छात्रों,शिक्षकों और सामाजिक संगठनों ने उनके निधन से भोजपुरी को गहरी क्षति पहुँचने की बात की है. अभिनव एंड एक्ट,सर्जना,आर्ट इन मोशन सहित कई संस्थानों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. उक्त संस्थानों ने संयुक्त रूप से एक शोक सभा का भी आयोजन किया जिसमें उन्होंने स्व. डॉ गदाधर सिंह के लिए दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा के शांति के लिए प्रार्थना किया. शामिल लोगों में कमल किशोर,अम्बुज आकाश, ओ पी पांडेय,शैलेन्द्र सच्चु,संजीव सिन्हा, शशि सागर बब्बू,हरि गुप्ता,छोटू सोनार,अभिषेक गौरव,प्रेमजीत,विक्की,सत्य प्रकाश,प्रशांत कुमार,मनोज श्रीवास्तव, मनोज सिंह,श्याम कुमार, चांदनी,सोनाली,साधना,लवली,और बंटी समेत कई कलाकार शामिल थे.
आरा से रवि प्रकाश सूरज की रिपोर्ट