देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक समेत कई लोग अभी फंसे हुए हैं। ऐसे में उन लोगों के लिए राहत की खबर है भारत सरकार ने राज्यों/केन्द्र शासित राज्यों के क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा की सुविधा के लिए आदेश जारी किया है। केन्द्र सरकार के इस आदेश के अनुसार, सभी व्यक्तियों को घर पहुंचाने से पहले उन्हें जांच कर क्वरंटाइन किया जाए।
सरकार की तरफ से ये गाइडलाइंस ऐसे वक्त पर आई है जब दूसरी बार बढ़ाए गए लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म होने जा रही है लेकिन देश के कई हिस्सों से अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं।
गृह मंत्रालय की संशोधित गाइडलाइंस:
1-सभी राज्य और केन्द्र शासित राज्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे जो सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। इतना ही नहीं राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों में पहुंचने वाले लोगों का ब्यौरा भी रखा जाए।
2-अगर फंसे हुए समूह में लोग एक राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश जाना चाहते हैं तो भेजने वाले और जिस राज्य में वह समूह जा रहा है दोनों राज्य एक दूसरे की आपसी सहमति के साथ सड़क के जरिए भेज सकते हैं।
3- किसी भी व्यक्ति को भेजने से पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाए और अगर वह पूरी तरह ठीक पाया जाए तो ही उसे भेजने की मंजूरी दी जाए।
4-प्रवासी मजदूरों, यात्रियों और छात्रों को समूह में सिर्फ बस से ही भेजा जाए। भेजने से पहले बस सेनेटाइजेशन कराया जाए। इतना ही नहीं यात्रा के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए।
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5-रास्ते में पड़ने वाले राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश उस राज्य के लिए रास्त देंगे जहां पर ये गाड़ी जा रही है।
6-जब कोई शख्स अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगा तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की यह जिम्मेदारी है कि उसे होम क्वारंटाइन में रखे। इस दौरान उसके हेल्थ चेकअप किए जाए। उस व्यक्ति को अरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने के उत्साहित किया जाए ताकि उसके हेल्थ स्टेटस पर नजर बनाई रखे जा सके और साथ ही उसे ट्रैक किया जा सके।
गृह मंत्रालय द्वारा कुछ शर्तों के साथ प्रवासी श्रमिकों, छात्रों, घूमने गए यात्री अपने राज्य लौट सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री आश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि बड़ी संख्या में जो प्रवासी श्रमिक, छात्र, पर्यटक एवं विभिन्न राज्यों में गए यात्रियों आदि को काफी राहत मिलेगी। इस संबंध में लगातार प्रयास किया जा रहा था। इससे कोटा सहित अन्य जगहों पर फंसे छात्रों को बिहार लाने में आसानी होगी। इस दौरान सभी निर्देशों का पालन आदि करने का शर्त भी रखा गया
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि लगातार इसके लिए प्रयास किया जा रहा था। विभिन्न राज्यों से लोगों से बातचीत के दौरान उनके द्वारा मिले फीडबैक से अवगत कराया जा रहा था। सभी सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अब अपने छात्र, प्रवासी, श्रमिक, पर्यटक, घूमने गए यात्री आदि बिहार लौट सकते हैं। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री के साथ बिहार के सभी सांसदों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। इस बातचीत में भी प्रवासी श्रमिकों एवं छात्रों को पैतृक राज्य में लौट आने की व्यवस्था पर चर्चा की गई थी।
बिहार के जो छात्र कोटा में अभी लॉक डाउन की वजह से रुके हुए हैं, उनका भी आने का रास्ता साफ हो गया है। वह शीघ्र अपने गृह राज्य पहुंचेंगे।
राजेश कुमार की रिपोर्ट