अपने क्षेत्रों में स्वच्छता के मानक बन रहे हैं गंगादूत!

नमामि गंगा कार्यक्रम में प्रशिक्षण के दौरान बनाया सोखता, ग्रामीणों ने की प्रशिक्षकों की तारीफ

आरा,11 अगस्त. कहते हैं कि अगर शिक्षा न भी मिले तो आसपास के चीजों को देखकर मनुष्य सीखता है. सीखने की यही प्रवृति उसे ऐसा व्यवहारिक ज्ञान दे जाती है कि जिंदगी तो बदलती ही है वो समाज मे एक मिसाल भी बन जाता है. सीखने की यह प्रवृत्ति बच्चों से अब ग्रामीणों के बीच विकसित हो रही है और वे बच्चों के कार्यों से प्रभावित हो अब आसपास का वातावरण बदलने के लिए बाते कर रहे हैं. जी हाँ ये कोई कहावत या कोरी कल्पना नही बल्कि हम बात कर रहे हैं शाहपुर प्रखंड के लालू का डेरा गांव की. पटना नाउ के संवाददाता को उक्त तथ्य तब लोगों से महसूस हुआ जब वह नमामि गंगे के एक शिविर के कार्यक्रम का कवरेज करने वहां पहुँचे थे. कार्यक्रम स्थल से पहले बाजार में लोगों बच्चे की तारीफ करते उन्होंने सुना तो थोड़ी देर उनकी बातें सुनने लगे. दरअसल ये बातें इसलिए हो रही थी कि कार्यक्रम स्थल पर एक चापाकल के इर्द-गिर्द पहले गंदगी का अंबार लगा था.




सफाई के पहले चापाकल का हाल
सफाई के बाद चापाकल का हाल

कार्यक्रम के पहले दिन ही जब नमामि गंगे के DPO अमित कुमार सिंह ने चापाकल के पास गंदगी को देखा तो गंगादूतों को सफाई का पाठ पढ़ाते हुए श्रमदान करते हुए उनसे उसकी सफाई कर वहां एक सोखता बना उपर से कवर तक कर डाला. इतनी त्वरित गति से बच्चों के कार्य और उनमें बदलाव देख लोग ये बातें करने लगे कि गाँव को इसतरह तो खुद मिलकर एक आदर्श ग्राम बनाया जा सकता है.

कार्यक्रम स्थल पहुँचने से पहले किसी अनजान द्वारा ये सुनना ही कार्यक्रम की सफलता की कहानी थी. नमामि गंगे का यह कार्यक्रम में युवाओं की सहभागिता अंतर्गत दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के रूप में लालू का डेरा स्थित मध्य विद्यालय शाहपुर में अयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन नमामि गंगे नेहरू यूवा केंद्र भोजपुर, यूवा कार्यक्रम एव खेल मंत्रालय ,भारत सरकार के द्वारा किया गया था. पहले दिन के कार्यक्रम में जहाँ भास्कर मिश्रा सहित कई समाजसेवियों और विद्वानों ने गंगा दूतों को मोटिवेट किया वही दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ स्पेयर हेड सदस्य चंदन कुमार सिंह ने गंगा दूतों को प्रेरणा गीत और गंगा गीत की प्रस्तुति के साथ दूसरे सत्र का संचालन किया.

तीसरे सत्र में पदयात्रा, प्रभात फेरी और रैली आयोजन के तकनीक एवं उसकी विधियों को जिला परियोजना अधिकारी अमित कुमार सिंह ने गंगा दूतों को बताया. चौथे सत्र में थीम आधारित नुक्कड़ नाटक नाटक और गीत की प्रस्तुति को लेकर गंगादूतों को प्रशिक्षित किया गया यह सत्र राष्ट्रीय रंगकर्मी ओम प्रकाश पांडेय के द्वारा संचालित किया गया और उन्होंने कहा कि नुक्कड़ नाटक जैसी प्रस्तुतियां कार्यक्रम को आकर्षित करती है और लोगों को बहुत ही जागरूक करने का कार्य करती हैं. नुक्कड़ नाटक में दर्शकों और कलाकारों के बीच डायरेक्ट संवाद उनके संदेशों को सहजता से उनके दिल तक पहुंचाते हैं. इसलिए यह एक सशक्त माध्यम माना जाता है.

पांचवें सत्र में गंगा दूतों द्वार रैली का आयोजन किया गया. रैली के माध्यम से ग्रामीणों को गंगा के प्रति जागरूक करने का कार्य किया गया.

जिला परियोजना पदाधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर में 5 गांव के 50 गंगा दूतों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य यही है कि गंगा किनारे बसे गंगा ग्राम के लोगों को जन जागरूकता करना एवं गंगा को वर्तमान समय में किस तरह से प्रदूषण मुक्त करके अविरल और निर्मल बनाया जाए इसके लिए यह दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने मे शिलांगन कुमार यादव,मनोहर यादव,स्पियर हेड सदस्य मनीष कुमार सिंह,चंदन कुमार सिंह,आशीष कुमार सिंह, ओम कुमार यादव इत्यादि का विशेष योगदान रहा.

शाहपुर से सत्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट

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