श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के संबंध में पटना शहर पूरी तरह से गुरु के रंग में रंग गया है. यहां पहुंचने वाली संगत को पहले तख्त श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन करने होते हैं. श्रद्धालुओं की बड़ी गिनती को ध्यान में रखते हुए गांधी मैदान में मुख्य पंडाल का निर्माण किया गया है और उसी के साथ ही एक विशाल तम्बुओं का शहर भी बनाया गया है. इसका निर्माण इतने खूबसूरत ढंग से किया गया है कि यह हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है जिसे देख कर ऐसा प्रतीत होता है जैसे हकीकत में यही तख्त श्री हरिमंदिर साहिब हो.
गुरु के रंग में रंगा शहर
पटना साहिब का माहौल इस तरह से गुरु के रंग में रंगा है कि जगह-जगह पर पंजाबी में लिखे बोर्ड लग रहे हैं, जो बोर्ड हिन्दी में लिखे हुए हैं उनको भी पंजाबी अंदाज में लिखा गया है. हिन्दी वाले बोर्डों में ‘गुरु के द्वार बिहार में जी आया नूं’ लिखा गया है जबकि पंजाबी के बोर्डों में ‘सिख संगत का स्वागत है’ और ‘350 साल गुरु दे नाल’ आदि शब्द लिखे हुए हैं. बिहार सरकार के जिन कर्मचारियों की ड्यूटी गुरुद्वारा साहिब में लगी है उन्होंने भी अपने सिरों पर पीले पटके बांधे हुए हैं. गुरु की संगत के मार्गदर्शन में ये कर्मचारी अहम भूमिका निभा रहे हैं.
कोलकाता के कारीगरों ने किया करिश्मा
गांधी मैदान में तख्त श्री हरिमंदिर साहिब के निर्माण का करिश्मा कोलकाता से आई महान कारीगरों की एक विशेष टीम ने कर दिखाया. इन कारीगरों में 20 लोगों की टीम लकड़ी के काम में पिछले एक महीने से जुटी हुई है जबकि उसके साथ 10 कारीगर उसको अंतिम रूप दे रहे हैं. गुरुद्वारा साहिब का यह आकार 40 फुट ऊंचा और 30 फुट चौड़ा है. बुधवार शाम तक यह निर्माण पूरी तरह मुकम्मल हो गया था जिसके बाद इसको संगत के दर्शन के लिए खोल दिया गया.