पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को मिली उम्रकैद की सजा




दोहरे हत्याकांड में सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के आदेश को पलटा

अशोक सिंह से चुनाव हार गए थे प्रभुनाथ

पटना, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के राजनेता प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने यह सजा 1995 के दोहरे हत्याकांड से जुड़े एक मामले में सुनाई है.प्रभुनाथ सिंह पूर्व सांसद हैं. प्रभुनाथ पर 1995 में हत्या का मामला दर्ज हुआ था. उसी मामले पर आज शीर्ष अदालत का फैसला आया और पूर्व सांसद को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.1995 में प्रभुनाथ सिंह पर डबल मर्डर केस दर्ज हुआ था. कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस केस में दोषी करार दिया था और अब उम्रकैद की सजा सुना दी है.18 अगस्त को शीर्ष अदालत की जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने निचली अदालत और पटना हाई कोर्ट के आदेश को पलट दिया है. निचली अदालत और पटना हाई कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को बरी करने के आदेश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सिंह को दोषी ठहराया था. सजा की मात्रा पर दलीलें सुनने के बाद पीठ ने दोषी प्रभुनाथ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. प्रभुनाथ सिंह का दोहरे हत्याकांड का मामला बिहार के सारण जिले के छपरा में विधानसभा चुनाव (मार्च 1995) में मतदान के दिन हुई दो लोगों की हत्या से जुड़ा हुआ था.इन लोगों की हत्या के लिए प्रभुनाथ को आरोपित बताया गया था. आरोप था कि दोनों लोगों ने प्रभुनाथ के कैंडिडेट को वॉट नहीं किया था, इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी.

शीर्ष अदालत ने बिहार के महाराजगंज से कई बार सांसद रह चुके सिंह को दोषी ठहराते हुए कहा था कि इसमें रत्ती भर भी संदेह नहीं है कि सिंह ने उनके खिलाफ सबूतों को मिटाने के लिए हर संभव कोशिश की थी.पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह का राजनीतिक करियर 1985 से शुरू हुआ था. विधायक बनने से पहले प्रभुनाथ मशरक के तत्कालीन विधायक रामदेव सिंह काका की हत्या होने के बाद चर्चा में आए थे.काका की हत्या का आरोपित प्रभुनाथ सिंह को भी बताया गया था, लेकिन बाद में वे कोर्ट से बरी हो गए थे. हालांकि, उनके भाई दीना सिंह को सजा हुई सुनाई गई थी. 1990 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते थे. 1995 आने पर विधानसभा चुनाव में जनता दल का टिकट अशोक सिंह को दिया गया. इस दौरान प्रभुनाथ ने बिहार पीपुल्स पार्टी (बीपीपा) से चुनाव लड़ा. प्रभुनाथ हार गए और अशोक सिंह चुनाव जीत गए.इसके बाद 3 जुलाई 1995 को शाम 7.20 बजे पटना के स्ट्रैंड रोड स्थित आवास में अशोक सिंह की हत्या कर दी गई. हत्या में प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह तथा मशरक के रितेश सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया.

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By pnc

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