राज्य सरकार NCTE के पत्र का कर रही है इंतजार!
तू डाल डाल तो हम पात पात । जी हां आपने सही सुना आजकल भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय और बिहार सरकार का शिक्षा विभाग एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. हम बात कर रहे हैं एनआईओएस d.el.ed प्रशिक्षित शिक्षकों के बारे में जो केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय, NCTE और बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के बीच फुटबॉल बने हुए हैं. कभी केंद्र सरकार का मानव संसाधन विकास मंत्रालय राज्य के शिक्षा विभाग पर तो कभी बिहार के शिक्षा विभाग NCTE के उस आदेश पर अपना पल्ला झाड़ रही है.
आपको बता दें कि सारा खेल अवर सचिव डॉक्टर प्रभु कुमार यादव ने अपने पत्र में एन सी टी ई के 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 के आदेश के हवाले कहा कि कक्षा 1 से 5 और कक्षा 6 से 8 में नियुक्ति के लिए वही अभ्यार्थी योग्य होंगे जिनके पास एलिमेंट्री एजुकेशन में 2 वर्षीय डिप्लोमा की योग्यता होगी. एनसीटीई ने यह भी कहा था कि एनआईओएस ने एनआरसी एनसीटीई के 22 सितंबर 2017 के आदेश से सरकारी, प्राइवेट और अनुदानित प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों को in-service ट्रेनिंग के रूप में डीएलएड कार्यक्रम चलाया है इसकी अवधि भी 18 माह की थी. इस पत्राचार के बाद बिहार सरकार ने छठे चरण की नियोजन प्रक्रिया से इंटर शिक्षकों को बाहर कर दिया जिसके बाद इस सभी प्रशिक्षित शिक्षकों ने पटना हाई कोर्ट का शरण लिया. जहां से माननीय हाईकोर्ट ने इन प्रशिक्षित शिक्षकों के पक्ष में अपना फैसला सुनाया और इन्हें बहाली प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया. उसके बाद से लेकर आज तक केंद्र और राज्य सरकारों ने इन अप्रशिक्षित शिक्षकों के साथ फुटबॉल की स्थिति बना दी है. गुरुवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भारत के सभी शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार अपितु पूरे भारत में जितने भी एनआईओएस डीएलएड शिक्षक शिक्षक हैं उनके साथ इंसाफ किया जाएगा साथी सहित पटना हाई कोर्ट के उस आदेश और अपनी सहमति भी जताई और कहां पटना हाईकोर्ट के आदेश का हम सम्मान करेंगे. मानव संसाधन विकास मंत्री के इस आदेश के बाद अब एक बार फिर गेंद बिहार सरकार के पाले हैं.
सूत्रों के हवाले से मालूम चला है कि बिहार सरकार ने भारत सरकार पर भी आरोप लगाते हुए कहा कथनी और करनी में फर्क है अगर आदेश जारी करना है तो एनसीटीई को तत्काल आदेश दे कि बिहार सरकार के पत्र का जवाब जल्द से जल्द मुहैया कराएं. बिहार के शिक्षा विभाग एक बड़े अधिकारी ने कहा कि हमने पत्र एनसीटीई को लिखा है इसका अगर जवाब आ जाता है तो हम इस नियोजन प्रक्रिया में उस पर अमल करेंगे. अब देखना है कि केंद्र सरकार कितना जल्द एनसीटीई को आदेश देती है कि बिहार सरकार द्वारा जारी किया हुआ पत्र का जवाब बिहार सरकार के शिक्षा विभाग को देती है.
राजेश तिवारी