पटना (अजित की रिपोर्ट) | अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना के न्यूरोसर्जरी विभाग में पहली बार एंडोस्कोपिक ब्रेन सर्जरी की गई है. खास बात यह है कि ऐसी सर्जरी एम्स पटना ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में पहली बार हुई है. 60 वर्षीय एक मरीज को पिट्यूटरी ट्यूमर था, जिसे नाक के रास्ते मशीन डालकर निकाल गया है.
पटना एम्स में नए-नए और अत्याधुनिक तकनीकों से इलाज शुरू हो चुका है. इतना ही नहीं अब पटना एम्स में रोजाना नई नई सुविधाओं का शुभारंभ हो रहा है. स्थानीय स्तर के मरीजों को लाभ तो मिल ही रहा है बल्कि दूर-दूर से एवं दूसरे जिलों से आने वाले मरीजों के लिए भी पटना एम्स वरदान साबित हो रहा है.
एम्स पटना के न्यूरोसर्जन डॉ० विकास चंद्र झा और उनकी टीम ने मिलकर यह सर्जरी की. डॉ० झा ने बताया कि इस सर्जरी में मरीज को बेहद बारीक सा चीरा लगाया गया तथा पूरी सर्जरी करने में लगभग तीन मिनट का वक्त लगा. इस सर्जरी में ब्लड लॉस भी कम ही होता है. उन्होंने आगे बताया कि बख्तियारपुर की रहने वाली सविता देवी (बदला हुआ नाम) को एक साल से सिर में दर्द की समस्या थी और आंखों की रोशनी कम होती जा रही थी. जांच के बाद पता चला कि उन्हें पिट्यूटरी (मस्तिष्क की एक ग्रंथि) ट्यूमर है. इस ट्यूमर को निकालने के लिए एंडोस्कोपिक ब्रेन सर्जरी की गई. बिहार के लिए यह एक नई तकनीक है. डॉक्टर ने बताया कि टीम में ईएनटी सर्जन डॉ० क्रांति और डॉ० भारतेंदु और एनेस्थीसिया विभाग की डॉ० चांदनी और डॉ० पूनम ने भी योगदान दिया। बीते तीन महीने में विभाग में 80 न्यूरोसर्जरी की जा चुकी हैं.