कोविड-19 महामारी के कारण देश बहुत चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपट रहा है. कई संस्थान अस्थायी रूप से बंद हो चुके हैं और श्रमिक काम करने में असमर्थ हैं. सरकार द्वारा व्यवसायिक संस्थाओं और श्रमिकों को प्रदान की जा रही राहत उपायों के अनुरूप, कोविड-19 से लड़ाई में अपने चिकित्सा संसाधनों को मजबूत करने के अलावा, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) द्वारा अपने हितधारकों, विशेषकर नियोक्ताओं और बीमित व्यक्तियों के लिए राहत उपायों को लागू किया जा रहा है.
राहत उपाय के रूप में फरवरी और मार्च महीने के लिए, ईएसआई अंशदान जमा करने की समय-सीमा को पहले 15 अप्रैल और 15 मई तक बढ़ा दी गई थी. अब, नियोक्ताओं द्वारा उठाई जा रही कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए, फरवरी महीने के लिए ESI अंशदान जमा करने की अवधि को पहले विस्तारित की गई अवधि यानी 15 अप्रैल से 15 मई, 2020 तक बढ़ा दिया गया है. मार्च 2020 महीने के लिए भी अंशदान जमा करने की अवधि 15 मई, 2020 है. इस विस्तारित अवधि के दौरान संस्थानों से कोई जुर्माना या ब्याज या क्षति नहीं वसूली जाएगी. रिटर्न जमा करने की अवधि बढ़ाने के साथ ही, 3.49 करोड़ बीमित व्यक्तियों (आईपी) और 12,11,174 नियोक्ताओं को राहत मिलेगी.
इनके अलावा, बीमित व्यक्तियों और लाभार्थियों के लिए निम्नलिखित राहत उपाय किए गए हैं.
लॉकडाउन अवधि के दौरान ESI लाभार्थियों की कठिनाई को कम करने के लिए, ESI लाभार्थियों को निजी दवा विक्रेताओं से दवाओं की खरीद करने और इसके बाद ESIC द्वारा प्रतिपूर्ति प्राप्त करने अनुमति प्रदान की गई है.
अगर किसी ESIC अस्पताल को कोरोना संदिग्ध/ पुष्ट मामलों को देखने के लिए विशेष रूप से एक समर्पित कोविड-19 अस्पताल घोषित कर दिया जाता है तो बीमित व्यक्तियों और लाभार्थियों को इसके साझीदार अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने का भी प्रावधान किया गया है. जिस अवधि में संबंधित ESIC अस्पताल समर्पित कोविड-19 अस्पताल के रूप में काम करता है, ESIC लाभार्थियों को द्वितीय/एसएसटी परामर्श/भर्ती/परीक्षण आदि के लिए साझीदार अस्पतालों में रेफर किया जा सकता है. ESIC लाभार्थी अपनी पात्रता के आधार पर बिना रेफरल लेटर लिए हुए भी साझीदार अस्पतालों में सीधे जाकर आपात/ गैर-आपात चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर सकते हैं.
बीमित व्यक्तियों को चिकित्सा का लाभ, नियम 60-61 के अंतर्गत प्रदान किया जाता है जो स्थायी विकलांगता के कारण बीमित होने लायक रोजगार में नहीं है या फिर सेवानिवृत्त बीमित व्यक्ति हैं. ऐसे व्यक्ति 10 रूपये प्रति महीने की दर से पूरे वर्ष के लिए अग्रिम धनराशि जमा करके चिकित्सा लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
लॉकडाउन की वर्तमान परिस्थितियों में, ऐसे मामले भी सामने आ सकते हैं जहां पर इन लाभार्थियों के लिए जारी किए गए चिकित्सा लाभ कार्ड की वैधता समाप्त हो जाती है क्योंकि ये लाभार्थी लॉकडाउन के कारण अग्रिम वार्षिक एकमुश्त अंशदान जमा करने में असमर्थ होते हैं. ऐसे लाभार्थियों को 30.06.2020 तक ESI (केंद्रीय कानून) के नियम 60 और 61 के अंतर्गत चिकित्सा लाभ प्राप्त करने की अनुमति प्रदान की गई है.
मार्च, 2020 महीने के लिए, स्थायी विकलांगता का लाभ और आश्रितों का लाभ के संबंध में 41.00 करोड़ रूपये (लगभग) का भुगतान लाभार्थियों के बैंक खातों में कर दिया गया है.
PNC BUREAU