देशभर की छुपारुस्तम 255 पार्टियों पर चुनाव आयोग की टेढ़ी नजर
बिहार की 8 पार्टियों की भी मान्यता रद्द
चुनाव आयोग ने देशभर की 200 से ज्यादा राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द कर दी है. ये पार्टियां पिछले कई सालों से राजनीतिक दल को मिलने वाले फायदे उठा रही थीं लेकिन 15 साल से ज्यादा से इन पार्टियों ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है. इनमें से 8 पार्टियां बिहार की भी हैं, जिनकी मान्यता रद्द कर दी गई है.
गुरुवार को सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि वह इन 255 राजनीतिक दलों के वित्तीय ब्योरे की जांच करे. आयोग के अनुसार 2005 और 2015 के बीच चुनाव में कोई भी प्रत्याशी नहीं खड़ा करने के कारण इन दलों को अमान्य करार दिया गया है. आयोग ने कहा है कि यदि कानून का उल्लंघन पाया जाए तो जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा-29-बी और 29-सी के प्रावधानों के तहत इन दलों पर कार्रवाई की जाए.
चुनाव आयोग ने बिहार की जिन पार्टियों को अमान्य करार दिया है उनमें पूर्व सांसद आनंद मोहन की पार्टी बिहार पीपुल्स पार्टी, पूर्व बीजेपी सांसद जनार्दन यादव की बिहार विकास पार्टी, पूर्व राज्यसभा सांसद नरेंद्र सिंह कुशवाहा की जनहित समाज पार्टी के अलावा भारतीय जनविकास पार्टी, भारतीय प्रजातांत्रिक पार्टी, चंपारण विकास पार्टी, राष्ट्रीय स्वजन पार्टी और विजेता पार्टी शामिल हैं.
BIHAR PEOPLES’ PARTY
BIHAR VIKAS PARTY
JANHIT SAMAJ PARTY
BHARTIYA JANVIKAS PARTY
BHARTIYA PRAJATANTRIK PARTY
CHAMPARAN VIKAS PARTY
RASHTRIYA SWAJAN PARTY
VIJETA PARTY