ग्लोबल ऑर्थोपेडिक फोरम के तत्वाधान से रूमेटोलॉजी का आठवां वार्षिक अधिवेशन पटना में




देश विदेश से पटना आये विख्यात चिकित्सकों ने गठिया पर अपने अपने तजुर्बो साझा किया

AARCON 2023 के नाम आयोजित हुआ है कार्यक्रम

रविवार के दिन ग्लोबल ऑर्थोपेडिक फोरम के तत्वाधान से रूमेटोलॉजी अर्थात गठिया रोग के ऊपर आठवां वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया और AARCON 2023 के नाम से होटल चाणक्य पटना स्थित इस कांफ्रेंस में देश विदेश से आये नामी वक्ताओं ने अपने अपने तजुर्बो साझा किया. जिसमें से मुख्य अतिथि डॉक्टर लेफ्टिनेंट जनरल वेद चतुर्वेदी, डॉक्टर अनीश अग्रवाल, डॉक्टर प्रदीप कुमार शर्मा, डॉक्टर सुब्रत आर्य, डॉक्टर परथाजित दास एयर वाइस मार्शल,  डॉ शंकर सुब्रमण्यम,  शामिल थे पटना के एवं देश के करीब 200 डॉक्टर ने इस अधिवेशन में आकर अपनी जानकारी में इजाफा किया,  डॉक्टर डॉ0 एस के. झा,  डॉक्टर निशीकांत कुमार,  डॉ आशीष सिंह,  डॉ राजीव आनंद,  डॉ मनीष कुमार ने गठिया रोग के बारे में अपनी जानकारी इस कांफ्रेंस में सम्मिलित लोगों के साथ साझा किया और ज्ञान का आदान प्रदान किया.

ग्लोबल ऑर्थोपेडिक फोरम के सेक्रेटरी डॉक्टर अमूल्य कुमार सिंह ने बताया इस कांफ्रेंस को आयोजित करने का अध्याय यह है कि सुबह के लोगों को घटिया रोग का उचित इलाज मिल सके और लोग नए इलाज के पद्धतियों से लाभान्वित हो सके कार्यक्रम के प्रेसिडेंट डॉक्टर सर्विसेज नैनम में बताया कि पहले भी हमने गाठिया पर कांफ्रेंस आयोजित किया है जिसमें उपस्थित सभी डाक्टरों ने लाभ  उठाया और मरीजों को इसका लाभ पहुंचाया और आगे भी ऐसा करते रहेंगे .धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के जॉइंट सेक्रेटरी- डॉक्टर रमित गुंजन ने किया डॉक्टर वेद चतुर्वेदी ने नई-नई पद्धतियों के बारे में जानकारी दी अंक का लॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के बारे में डॉक्टर सुब्रत आर्य ने जांच के नए-नए त्रिकोण के बारे में विवेचन किया और बताया कि कौन से जांच कब करने चाहिए डॉक्टर पार्थ जी दास ने गठिया में के इलाज में आए हुए नए दावों के बारे में लोगों को जानकारी दिया. डॉक्टर अनीश अग्रवाल ने स्पॉन्डिल अर्थराइटिस स्पॉन्डिल आर्थ्रोपैथी के बारे में विवेचना की एयर वाइस मार्शल शंकर सुब्रमण्यम ने गठिया में मरीजों पर आने वाले आर्थिक भर को कैसे काम किया जाए इसके बारे में चर्चा किया डॉक्टर प्रदीप शर्मा ने बायोलॉजिकल नमक नए दावों के बारे में चर्चा किया डॉक्टर निशिकांत एवं डॉ आशीष सिंह ने गठिया के मरीजों में कुल्हा एवं घटा प्रत्यारोपण करके किस प्रकार से लाभ पहुंचाया जाए इसके बारे में जानकारी दी.

रुमेटीयड गठिया के लक्षण और लक्षणों में जोड़ों में दर्द शामिल है, जैसे कि पैरों, हाथों और घुटनों, सूजन जोड़ों, बुखार, लंगड़ा, पॉलीआर्थराइटिस, गति की सीमा का नुकसान, निविदा जोड़ों, संयुक्त कार्य का नुकसान, कड़ी जोड़ों , थकान, संयुक्त लालिमा, संधिशोथ नोड्यूल, एनीमिया, संयुक्त गर्मी, संयुक्त विकृति,रुमेटीय संधिशोथ शरीर के सभी अंगों और प्रणाली को प्रभावित करता है और यह सभी डॉक्टरों के लिए चिंता का विषय है और इसलिए रोगियों के समग्र उपचार के लिए डॉक्टरों की विभिन्न विशेषताओं के बीच बातचीत आवश्यक होती है. सचिव डॉ अमुल्या सिंह ने कहा कि भारत में बहुत कम प्रशिक्षित रेमॅटोलॉजिस्ट हैं, और इसलिए अधिकांश रोगियों को ऑर्थोपेडिक सर्जन और सामान्य चिकित्सक द्वारा प्रबंधित किया जाता है. गठिया बेहद दर्दनाक बीमारी है। इसमें जोड़ों में बेइंतेहां दर्द होता है. कई बार जॉइंट्स तक बेकार हो जाते हैं. बीमारी जड़ से खत्म करने का इलाज नहीं बस इसे कंट्रोल कर सकते हैं.

रवीन्द्र भारती

By pnc

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