कोइलवर/भोजपुर (आमोद कुमार की रिपोर्ट)|
“हर जोर-जुल्म के टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है।
संकल्पित हो संघर्ष करो, उज्ज्वल भविष्य हमारा है।।” – इन नारों की गूंज के साथ, बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति, बिहार प्रदेश की राज्य स्तरीय बैठक में लिए गये निर्णय के आलोक में प्रखण्ड कार्यालय कोईलवर से प्रदर्शनकारी शिक्षकों का जत्था कोईलवर थाना मोड़, शहीद कपिल देव चौक होते हुए प्रखंड कार्यालय के समक्ष जाकर धरना कार्यक्रम में तब्दील हो गया. विदित हो कि भोजपुर जिले के सभी चौदह प्रखंड में दिन के 1:00 बजे से महाधरना का कार्यक्रम राज्य स्तरीय निर्णय के आलोक में आयोजित किया जाना था. इसी कड़ी में कोईलवर प्रखंड मुख्यालय परकोईलवर के तमाम शिक्षक, शिक्षिकाओं ने समन्वय समिति के आह्वान पर अपनी शानदार उपस्थिति देकर महाधरना के माध्यम से बिहार सरकार को अपनी आठ सूत्री मांग से अवगत कराने का कार्य किया. “समान काम समान वेतन, नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने, शिक्षकों की सेवाकाल में मृत्योपरांत आश्रित को अनुकम्पा पर नौकरी देने, पुरानी पेंशन लागू करने और नियमित शिक्षकों की तरह सारी सुविधाएं देने सहित आठ सूत्री मांग को जोरदार तरीके से शिक्षकों ने रखने का कार्य किया. प्रखंड स्तरीय धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति, प्रखंड अध्यक्ष मंडल के मुस्ताक मुहम्मद और संचालन संयुक्त रुप से प्रखंड समन्वय समिति के अरविंद कुमार और बागेश कुमार ने किया. धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरीय शिक्षक शहबाज अहमद, राजाराम सिंह ‘प्रियदर्शी’ रंजन कुमार सिंह, सुधीर सिंह, नीलम देवी, अर्चना कुमारी, रमेश कुमार राम, देवेन्द्र कुमार पांडेय, संजय कुमार, धर्मेंद्र प्रसाद, शैलेंद्र कुमार ने जोरदार तरीक़े से शिक्षकों का आह्वान किया कि जिस जोश-खरोश और संकल्प के साथ आपने प्रखंड स्तरीय धरना/प्रदर्शन को सफल बनाने महती भूमिका निभाई है उसी संकल्प के साथ 17 अगस्त को जिला स्तरीय धरना/प्रदर्शन में अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए रमना मैदान, आरा में पहुंचने का कार्य करेंगे और बिहार की गूंगी-बहरी सरकार तक अपनी आवाज बुलंदी के साथ पहुंचाने का कार्य करें.
धरना स्थल पर प्रखंड विकास पदाधिकारी कोईलवर के द्वारा अधिकृत प्रखंड के सहायक के द्वारा आकर आठ सूत्री मांग पत्र शिष्टमंडल से प्राप्त किया गया. प्रखंड स्तरीय मांग के निराकरण हेतु यथाशीघ्र निष्पादन पर सहमति बनी. धरना में प्रखंड के सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपनी चट्टानी एकता को मांग पूरी होने तक बरकरार रखने का आह्वान किया.