प्रति व्यक्ति करीब 180 अंडे उपलब्ध होने चाहिए
देश में अंडे का उत्पादन 83 अरब
अंडे के उत्पादन में भारत शीर्ष उत्पादकों में एक
विश्व अंडा दिवस समारोह २०१६ आज
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के माध्यम से मुर्गी पालन को बढ़ावा दे रही है- राधा मोहन सिंह
केन्द्रीय कृषि एवं किसान मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति, प्रति वर्ष 63 अंडे उपलब्ध हैं जबकि राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अनुसार प्रति व्यक्ति करीब 180 अंडे उपलब्ध होने चाहिए. कृषि मंत्री आज पूसा में विश्व अंडा दिवस पर डीएडीएफ द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे . इस समारोह मे मुख्य रूप से पोल्ट्री कृषक और विभिन्न हितधारक हिस्सा ले रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि अंडे के उत्पादन में भारत शीर्ष उत्पादकों में एक है और देश में अंडे का उत्पादन 83 अरब के करीब है. उन्होंने कहा कि अंडे उत्पादन तीन गुना बढ़ाने के लिए कई कदम एक साथ उठाने होंगे ताकि देश के बच्चों के स्वास्थ्य और पोल्ट्री किसान दोनों को फायदा हो. उन्होंने कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन के माध्यम से मुर्गी पालन को बढ़ावा दे रही है. ग्रामीण इलाके मे घरों के पीछे बीपीएल परिवारों को मुर्गी पालन के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है. उद्यमिता विकास और रोजगार सृजन घटक के तहत भी मुर्गी पालन को आगे बढ़ाया जा रहा है.
कृषि मंत्री ने इस मौके पर कहा कि अंडे के पोषक तत्वों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है और इस काम में डॉक्टर, पोषण विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, महिला एवं बाल संस्थान, अंडा प्रसंस्करण उद्योग और संबंधित नीति निर्माता अच्छी भूमिका निभा सकते हैं. कृषि मंत्रीने कहा कि विश्व में 5 साल की उम्र तक के चार बच्चों में एक कुपोषण का शिकार हैं. भारत मे सभी आय वर्ग मे कमज़ोर बच्चों की एक बड़ी संख्या है. ऐसे में कुपोषण से लड़ने में अंडा हमारी बड़ी मदद कर सकता है.
कृषि मंत्री ने कहा कि अंडे में उच्च पोषक तत्व काफी मात्रा में मौजूद रहते हैं, साथ ही अंडा प्रोटीन,विटामिन ए, विटामिन बी-6, बी-12, अमीनो एसिड और फोलेट, आयरन, फास्फोरस, सेलेनियम जैसे खनिज आदि का भी अच्छा स्त्रोत माना जाता है. उन्होंने कहा कि हाल के शोध से पता लगा है कि अंडे के पोषक तत्व अंधेपन को कम करने में भी सहायक होते हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी, कंपाउंड लाइवस्टॉक फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, पशु स्वास्थ्य कंपनियां, पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया और पोल्ट्री संघों ने इस कार्यक्रम मे अच्छा योगदान किया है.
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