पटना।। बिहार के ज्यादातर प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालयों की खराब हालत को देखते हुए सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विद्यालयों को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है और हेडमास्टर को अब हर साल ढाई लाख तक की राशि अपने स्तर से खर्च करने इजाजत दी है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने मौजूदा बंदिशें हटाते हुए इस संबंध में सभी डीएम को पत्र भी भेजा है. इसमें कहा है कि हेडमास्टर व विद्यालय प्रबंध समिति को मासिक व वार्षिक खर्च की बंदिश से मुक्त कर दिया गया है. विद्यालय प्रबंध समिति पांच लाख या ऊपर तक का व्यय कर सकती है. इसके लिए विद्यालय शिक्षा समिति और विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में पड़ी राशि को खर्च किया जाएगा.
अपर मुख्य सचिव ने विद्यालयों की मरम्मत के काम में तेजी लाने और उसकी प्रगति से संबंधित दैनिक रिपोर्ट भी मांगी है.
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि विद्यालय शिक्षा समिति प्राथमिक विद्यालय और विद्यालय प्रबंध समिति माध्यमिक स्कूलों में काम करती है। इस समिति में भेजी गई राशि खाते में पड़ी हुई है। लेकिन विद्यालयों का रंग रोगन, शौचालय की व्यवस्था खराब है. हेडमास्टर या तो राशि खर्च करने से डरते हैं या फिर जो बंदिशें हैं इस वजह से राशि खर्च नहीं कर पाते हैं। वहीं जनप्रतिनिधि हमसे मिलकर कहते हैं कि प्रबंध समिति में राशि होने के बाद भी हेडमास्टर विद्यालयों का रख-रखाव ठीक से नहीं कर रहे. दरअसल, हेडमास्टर राशि खर्च करने के झंझट से बचना चाहते हैं.
हेडमास्टर इस राशि से विद्यालय में छोटे-मोटे रखरखाव का काम, खिड़की, दरवाजा, फर्श आदि की मरम्मत, पेयजल, उपकरणों की मरम्मत व बागवानी पर एक वर्ष में एकमुश्त राशि खर्च कर सकते हैं.
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