सुखी व सफ़ल जीवन पर हुआ कार्यक्रम
नई दिल्ली, ब्रह्मा कुमारी संस्था व स्टेलर रिजॉर्ट्स के संयुक्त तत्वावधान में “जीवन में संतुलन, खुशी और सफलता” के विषय पर एक सार्वजानिक अध्यात्मिक कार्यक्रम स्थानीय राजोकरी में संपन्न हुआ. विश्व प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता, ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने मुख्य वक्ता के रूप में बताया कि हमारे मन के प्रकंपन (वाइब्रेशन) यदि निम्न होते हैं, तो हमारे संकल्प,बोल, कर्म सब बदल जाते हैं. कर्म से हमारा भाग्य बनता है. उच्च वाइब्रेशन से हमारे जीवन में हल्कापन होता है, अर्थात तनाव मुक्त स्थिति रहती.
उन्होंने कहा, हमारे साथ जो भी हो रहा है, वह हमारे कर्म का परिणाम है. संकल्प रूपी बीज की क्वालिटी ठीक नहीं तो, कर्म फल भी ठीक नहीं होगा. अपने कार्य, परिवार और स्वयं को पहले शक्तिशाली बनाना होगा. राजयोग ध्यान की अभ्यास से हमारी आंतरिक सशक्तिकरण होगा एवं हम संतुलित रूप में, अपनी और अपनो की सुख सुविधाओं पर ध्यान दे सकते हैं. अध्यात्मिक ज्ञान से हमारे चाहिए- चाहिए की सोच एवं दृष्टिकोण समाप्त होगी, और हम दाता पन की सुखदायी स्वभाव व संस्कारों को अपना पाएंगे. जैसे, जड़ प्रकृति भी एक दाता के रूप में हमे हर चीज दे रही है.
उन्होंने कहा कि किसी के व्यवहार का प्रभाव मेरे ऊपर ना हो, उस के लिए मुझे हमेशा स्व चिंतन व प्रभु चिंतन में रहना है. किसी बात की चिंता नहीं करनी है, क्यों की चिंता चिताग्नि के समान है, जो न केवल मेरे पर अपितु पूरे वातावरण पर अस्वस्थ प्रभाव डालती है. चिंता से समस्या बढ़ती है, शुभ चिंतन से समस्याओं का समाधान मिलती है, उन्होंने कहा कि धन कमाने की गलत तौर तरीके को ना अपनाएं. क्यों की धन को देवी लक्ष्मी कहते हैं, और अनैतिक उपाय से कमाया गया धन के पास देवी जी वास नहीं करते हैं. इसलिए, सत उपाय से यानी डिविनिटी से धन कमाएं, जो धन हमारे जीवन में और परिवार में सुकून लाएं. दूसरों की सेवा वा मदत्त करके दुआएं कमाना जीवन की प्राथमिकता हो, जिससे व्यक्ती की मनोबल के साथ धनबल भी बढ़ती है.
ब्रह्मा कुमारी संस्था की दिल्ली, हरियाणा व यूपी में स्थित सो से अधीक राजयोग केंद्रों का संचालिका, राजयोगिनी शुक्ला दीदी जी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि बौद्धिक या भौतिक साधनों को हम इसलिए अपनाते हैं, ताकि जीवन में खुशी, शांति, सुख, आनंद की प्राप्ति हो. जीवन में संतुलन के द्वारा ही हम खुशी, शांति, आनंद का अनुभव कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक जीवन शैली हमे जीवन में मार्गदर्शन देती है, जिससे जीवन में एकाग्रता एवं हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है. आज समाज में अच्छे विचारों की गरीबी है, जिससे सारा वातावरण दूषित है. आत्म निश्चय और परमात्म निश्चय से हमें हमारे असली संपदा दैवी गुणों की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा, परमार्थ एवं व्यवहार का संतुलन तथा सकारात्मक चिंतन से ही हमारी सुशुप्त शक्तियां जागृत होती है.
इस कार्यक्रम में दिल्ली पश्चिम विहार सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी सुषमा एवं महिपाल पुर सेवा केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी अनुसूया दीदी ने अपने विचार रखें. तथा, स्टैलर रिजोर्ट के अध्यक्ष संजीव कोहली ने शिवानी दीदी को शाल एवं मोमेंटो से अभिनन्दन किया.
PNCDESK