पटना।। बिहार के तमाम विश्वविद्यालय ई लाइब्रेरी और डिजिटल कंटेंट से लैस किए जायेंगे. बिहार में इसकी तेजी से तैयारी चल रही है. तैयारी को लेकर बुधवार को बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद, पटना के सभागार में एक दिवसीय ई-लाइब्रेरी पर उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में दीपक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग ने भाग लिया. विशेषज्ञ के रूप में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के पुस्तकाध्यक्ष डॉ देवेन्द्र कुमार सिंह एवं सूचना वैज्ञानिक डॉ मनीष कुमार सिंह मौजूद रहे. INFLIBNET सेंटर से डॉ अभिषेक कुमार विशेषज्ञ के रूप में मौजूद रहे. कार्यशाला में बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद, पटना के उपाध्यक्ष डॉ कामेश्वर झा, सचिव शिक्षा विभाग असंगबा चुबा आओ बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के कलपति प्रो० रामेश्वर सिंह एवं बिहार राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के नोडल पदाधिकारीगण उपस्थित रहे.
बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद, पटना के सदस्य सचिव सह राज्य परियोजना निदेशक असंगवा चुबा आओ ने कहा कि ई-लाइब्रेरी एवं डिजिटल लाइब्रेरी का महत्व काफी बढ़ गया है इसके अन्तर्गत पारम्परिक पुस्तकालय को ई-कन्टेट एवं ई-किताबों के माध्यम से छात्रों तक आसानी से पहुँचाते हुए विद्यार्थियों में रूचि उत्पन्न किया जा सकता है. पुस्तकालय एक ऐसा माध्यम है जिससे विद्यार्थी एवं रिसर्च स्कॉलर ज्ञान अर्जित कर अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं. बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद, पटना के उपाध्यक्ष प्रो (डॉ) कानेश्वर झा ने कहा कि पूर्व में छात्रों को लाइब्रेरी से पुस्तक की उपलब्धता एवं उसको उपलब्ध कराना एक जटिल प्रक्रिया थी. साथ ही किसी खास तरह की पुस्तक अधिक बच्चों को उपलब्ध करा पाना बहुत मुश्किल होता था परन्तु ई-लाइबरी के माध्यम से एक ही पुस्तक ई-कन्टेंट के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुचा सकते है. उन्होंने कहा कि आज इस कार्यशाला में तकनीकी रिसॉस के रूप में उपस्थित विशेषज्ञ द्वारा जो भी कहा जायेगा उसको बिहार के रिमोट एरिया में स्थित महाविद्यालय तक पहुचाया जायेगा.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि ई-लाइब्रेरी 21वीं सदी की शिक्षा प्राप्त करने का एक अच्छा माध्यम है. ई-लाइब्रेरी, ई-पुस्तक संग्रह और डिजिटल सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हुए शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों और शिक्षण समाधान के साथ-साथ डिजिटल रूप से सूचना और अध्ययन सामग्री एक्सेस की जा सकती है. इस डिजिटल युग में बिहार के विश्वविद्यालयों द्वारा कदम से कदम मिला कर अपनी लाइब्रेरी को उन्नत (Advance) करना बहुत आवश्यक है जिसमें विश्वविद्यालयों को किसी भी प्रकार की सहायता के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है.
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने कहा कि UGC द्वारा ई-लाइब्रेरी के लिए बहुत सी पहल की गई है, जिसका विस्तृत विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि संस्थान इसका लाभ ले सकते हैं. शोध के लिए ई-लाइब्रेरी अति आवश्यक है. उन्होंने ई-लाइब्रेरी के संदर्भ में तीन बिंदुओं पर बल दिया, यथा-अधारभूत संरचना रिपोसिटरी तैयार करना या उसे समृद्ध करना तथा इसके प्रचार प्रसार के लिए कार्य करना.
डॉ० अभिषेक कुमार, वैज्ञानिक (कम्प्यूटर साइंस) INFLIBNET ने UGC द्वारा स्थापित INFLIBNET सेंटर द्वारा विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाए जैसे शाम चक्र ई-शॉप, शाध शुद्धि, IRINS, विद्या मित्र, VIDWAN आदि के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए शिक्षण संस्थान कैसे ई-लाइब्रेरी हेतु इसका लाभ उठा सकते हैं. इनके द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों में INFIBNET से सहायता प्राप्त करने एवं ई-लाइब्रेरी को प्रारंभ करने के लिए MOU (INFIBNET, विश्वविद्यालय व राज्य सरकार ) करने हेतु परामर्श भी दिया गया. डॉ मनीष कुमार सिंह, सूचना वैज्ञानिक बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय, वाराणसी ने ई-रिसॉस प्रबंधन कैसे किया जा सकता है के बारे में बताया.
बैठक में इस पर सहमति बनी कि विभाग की ओर से समेकित रूप से INFIBNET की सुविधा के लिये उनसे अनुरोध किया जायेगा एवं राज्य सरकार विश्वविद्यालय तथा INFIBNET की त्रिपक्षीय समझाता हस्ताक्षरित किया जायेगा जिसके आधार पर राज्य सरकार के सभी परम्परागत विश्वविद्यालयों एवं उनके अधीन अंगीभूत महाविद्यालयों को ई-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इससे न केवल शोध करनेवाले छात्र बल्कि Under Graduate और Post Graduate के छात्र तथा इन महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयों में पढ़ा रहे व्याख्यताओं को भी काफी मदद मिलेगी.
अंत में परिषद के शिक्षा सलाहकार प्रो० (डा०) एन. के. अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की.
इस कार्यक्रम में अरशद फिरोज, उप सचिव शिक्षा विभाग राम सागर प्रसाद सिंह, उप सचिव (प्रशासन), डॉ अर्चना उप सचिव (परियोजना), मो० शहनवाज, सहायक निदेशक, उच्च शिक्षा, शाहबाज अहमद, 16 विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे.
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