ग्रामीण प्रतिभाओं को मिला राष्ट्रीय पहचान
खेल प्रतिभा खोज पोर्टल से मिला है खिलाड़ियों को लाभ
ओलंपिक पोडियम योजना को लक्षित करें खिलाड़ी
महिला खिलाड़ियों की शिकायतों के समाधान के लिए उच्च-स्तरीय समिति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश राजू ने विज्ञप्ति जारी कर जानकारी देते हुए कहा कि मोदी सरकार के 9 वर्ष के कार्यकाल में सभी खेलों को बढ़ावा दिया गया एवं उन खेलों से जुड़े खिलाड़ियों को उचित मान सम्मान प्रदान किया गया है. ग्रामीण प्रतिभाओं को राष्ट्रीय पहचान मिली और इन नौ वर्षों में अनेकों कार्यक्रमों ने देश में खेल का माहौल बनाया. खिलाड़ियों ने अपने देश का नाम और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. ये बातें भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश राजू ने भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की जानकारी प्रदान की.
संयोजक सतीश राजू ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट योजना हो या खेलो इंडिया स्कीम ने देश के खेल प्रेमियों को एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है. राजीव गांधी खेल अभियान,अर्बन स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम और नेशनल स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च स्कीम के विलय के बाद 2016 में खेलो इंडिया स्कीम लॉन्च की गई थी. ऐसी योजना “स्पोर्ट्स फॉर ऑल” और साथ ही “स्पोर्ट्स फॉर एक्सीलेंस” को बढ़ावा देने का प्रयास करती है. इस योजना को वर्ष 2017 में व्यक्तिगत और सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के लिए मुख्य धारा के खेल के उद्देश्य से फिर से तैयार किया गया.
भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश राजू ने कहा कि अगस्त 2017 में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारत के युवाओं के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए खेल प्रतिभा खोज पोर्टल लॉन्च किया. शॉर्टलिस्ट किए जाने वाले आवेदकों को फिर ट्रायल के लिए बुलाया जाता है और योग्य उम्मीदवारों को फिर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की स्कीमों में भाग लेना होता है. केंद्रीय खेल मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय खेल विकास कोष से भारतीय खेल प्राधिकरण को लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना में भाग लेने वाले एथलीटों के प्रशिक्षण के लिए 35 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं.ओलंपिक टास्क फोर्स की सिफारिशों पर जनवरी 2017 में अधिकार प्राप्त संचालन समिति का गठन किया गया था. समिति 2020 (टोक्यो), 2024 (पेरिस) और 2028 (लॉस एंजिल्स) के ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की प्रभावी भागीदारी के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने के लिए कार्य कर रही है.
प्रदेश संयोजक सतीश राजू ने कहा कि साईं जूनियर और सीनियर स्तरों पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाता है. खेल प्राधिकरण द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली योजनाएँ राष्ट्रीय खेल अकादमी योजना, उत्कृष्टता केंद्र, राष्ट्रीय खेल प्रतिभा प्रतियोगिता योजना आर्मी बॉयज़ स्पोर्ट्स कंपनी स्कीम, स्पेशल एरिया गेम्स स्कीम और आओ और खेलो स्कीम हैं. आओ और खेलो योजना के तहत, स्थानीय लोगों को साईं खेल केंद्रों में खेल और खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और साईं कोचों द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है.सभी सरकारी स्कूलों में इनडोर और आउटडोर खेलों के खेल उपकरण के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए खेल और शारीरिक शिक्षा घटक को शामिल किया गया है. इस योजना का उद्देश्य बच्चों के खेल, शारीरिक गतिविधियों, योग और सह-पाठयक्रम गतिविधियों में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करके उनका समग्र विकास करना है.
सतीश राजू ने कहा कि आर्थिक तंगी में दम तोड़ती खेल प्रतिभाओं को अब सांसद खेल स्पर्धा योजना का बड़ा सहारा मिला है. ग्रामीण क्षेत्र के कबड्डी, वालीबाल, कुश्ती और एथलीट के खिलाड़ियों का चयन जनपद स्तर पर ही सांसद खेल स्पर्धा प्रतियोगिताओं के जरिए हुआ. ग्रामीण इलाकों से चयनित इन काबिल खिलाड़ियों को और अधिक प्रतिभावन बनाने के लिए सरकार के सांई सेंटरों में भेजा, जहां से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इस खेल महाकुंभ के दौरान कुश्ती, कबड्डी, खो-खो, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, शतरंज, कैरम, बैडमिंटन, टेबल टेनिस आदि जैसे इनडोर और आउटडोर दोनों तरह के खेलों में विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया जाना प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोंच का प्रमाण है.
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