बिहार की पावन भूमि पर जन्मे देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आज 132 वीं जयंती है.इस मौके पर आज उन्हें राष्ट्र नमन कर रहा है .राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की . उनके जन्मस्थान सीवान के जीरादेई के अलावा पूरे देश में उनकी जयंती मनाई जा रही है. वर्ष 1962 में अवकाश प्राप्त करने के बाद उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू की जन्मस्थली को देखकर आज भी ऐसा लगता है कि उनका गांव आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है. जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उनके गांव को देश के पहले राष्ट्रपति देने का गौरव भले प्राप्त है लेकिन विकास से गौरवान्वित होने का सौभाग्य उस गांव को नहीं मिला है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म वर्ष 1884 में सीवान के जीरादेई की धरती पर हुआ था. उनका जीवन हमेशा सादगी और जनता के प्रति सार्थक सोच को लेकर समर्पित रहा. बुजुर्ग होने पर भी उन्होंने आम जनता से अपना निजी संपर्क कायम रखा और सामान्य लोगों से मिलते हुए गुजरा.लेकिन सरकार के कई घोषणाओं के बाद भी उनके गाँव का पुरसाहाल लेने वाला कोई नहीं है ,