मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी
बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
मरीजों का देखने भी नहीं जा रहे डॉक्टर
सिर्फ इमरजेंसी में एक दो डॉक्टर कार्यरत
आज बिहार में डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं.ये बायोमेट्रिक अटेंडेंस और 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं . बिहार स्वास्थ्य संघ के महासचिव डॉ. रंजीत कुमार ने बताया कि सभी डॉक्टर ओपीडी का बहिष्कार करेंगे, लेकिन इमरजेंसी सुविधा बहाल रहेगी. उन्होंने बताया कि हड़ताल की सूचना स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन को दे दी गयी है.हड़ताल के दौरान जिले के अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेगा. जिस कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर मौजूद रहेंगे. राज्य के सभी अस्पतालों पर हड़ताल का असर पड़ा है . इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर दिया गया है.लेकिन इमरजेंसी में भी डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं
बिहार स्वास्थ्य संघ के महासचिव डॉ रंजीत कुमार के अनुसार इससे पहले जब हड़ताल हुआ था, तब सरकार ने हमारी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. संघ की सरकार से 11 सूत्री मांग है. जिसमें बायोमेट्रिक अटेंडेंस बंद करना भी शामिल है. संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.सभी डॉक्टर ओपीडी का बहिष्कार करेंगे, लेकिन आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा बहाल रहेगी. हड़ताल की सूचना स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सभी सिविल सर्जन को दे दी गयी है.
बिहार में आज प्रदेश भर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. जिसके कारण आज मरीजों की उचित देखरेख नहीं हो पा रही है. अगर कोई अस्पताल में भर्ती भी हो जाए तो इलाज नहीं हो सकेगा. क्योंकि आज प्रदेश भर के सभी डॉक्टर बायोमैट्रिक अटेंडेंस का विरोध कर रहे है. इसके साथ ही 11 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल बुलाया गया है. गरीब मरीजों के उपचार का सबसे बड़ा केंद्र सरकारी अस्पताल है. अस्पतालों में जो मरीज पहले से भर्ती है, उन मरीजों का उपचार ढंग से नहीं हो पा रहा है. कई मरीजों की हालत पहले से और खराब होती जा रही है .
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