मेडिकल छात्रा की क्रूर हत्या से डीएमसीएच गमजदा, डॉक्टर्स का कैंडल मार्च

कोलकाता के अस्पताल में भीड़ के हमले से दहला मेडिकल फ्रेटरनिटी




भड़के डॉक्टर्स ने गैर आकस्मिक ड्यूटी से किया तौबा

संजय मिश्र,दरभंगा

कोलकाता के आर जी कार मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर से वीभत्स अनाचार और उसके बाद नृशंस हत्या से इंडिया का चिकित्सा समुदाय क्षुब्ध है. वे सदमे से उबरे नहीं कि कोलकाता के संबंधित अस्पताल में भीड़ ने आक्रमण कर दिया. दरभंगा का चिकित्सक समुदाय इस देशव्यापी गम में डूबा है.

वे जो कर सकते.. शांतिपूर्ण तरीके से अपनी पीड़ा का इजहार कर रहे. 13 अगस्त को डीएमसीएच के इतिहास का सबसे बड़ा कैंडल मार्च निकला. कुछ नारे जरूर निकले उनकी जुबां से पर उनकी आंखें प्रचंड वेदना बयां करती रही. कोलकाता हाई कोर्ट की सक्रियता ने उन्हें ढाढस बंधाया लेकिन घटना वाले अस्पताल में भीड़ के हमले से वे उद्वेलित हो गए हैं.

इंडिया के डॉक्टर्स के सबसे बड़े एनजीओ यानि आइ एम ए के आह्वान पर देश भर के चिकित्सकों के साथ दरभंगा के तमाम चिकित्सक एवं दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में कार्यरत सभी चिकित्सक दुख की इस बेला में साझा स्वर व्यक्त कर रहे. डीएमसीएच के मेडिकल फ्रेटरनिटी ने तय किया और 17.08.2024 शनिवार प्रात 6:00 बजे से 18.08.2024 रविवार प्रातः 6:00 बजे तक गैर आकस्मिक कार्यों के बहिष्कार में आ गए हैं.

कोलकाता की निर्भया से हुई बर्बर वारदात के दुख में साझीदार होने खातिर दरभंगा आईएमए ने शुक्रवार को प्रेस मीट किया. इंडिया के विभिन्न कर्ता धर्ता से अपनी मांगें रखी. कहा कि मेडिकल प्रोटेक्सन ऐक्ट को अविलंब लागू किया जाय. इस दौरान आईएमए दरभंगा के अध्यक्ष हरि दामोदर सिंह एवं सचिव डॉ अमिताभ सिन्हा ने डीएमसीएच को अतिक्रमण से मुक्त करा तथा सार्वजनिक रास्तों को बंद कर चहारदिवारी से घेर सुरक्षित करने की मांग की. कहा कि परिसर की सुरक्षा में लगे कर्मियों की काबिलियत की जांच कर सक्षम कर्मियों को लगाया जाय. आपको बता दें कि डीएमसीएच परिसर करीब 300 एकड़ जमीन में फैला है और अक्सर डॉक्टर्स को सुरक्षा देना मुश्किल हो जाता है. डीएमसीएच बचाओ लॉबी यहां के डॉक्टर्स के दुख में साथ देने के मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं.

By pnc

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