ODF के लिए सभी विभागों ने कसी कमर
DM ने सिखाये ODF के गुण
पूरे भारत में स्वच्छता को लेकर कई तेज गति से काम हो रहा है तो कई जगह यह गति कछुए की गति से रेंग रहा है. यही कारण है कि भोजपुर जिले में इचरी और सखुआ जैसे इक्के-दुक्के गाँव के ODF होने के बाद भी स्वच्छता मिशन अपने लक्ष्य तक पहुंचने में पीछे ही है. इसी कारण जिला जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए स्थानीय कृषि भवन सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
इस दौरान स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को कई दिशा निर्देश देते हुए कहा कि खुले में शौच एक मानसिक बीमारी है. इस बीमारी से मुक्ति हेतु मानव व्यवहार में परिवर्तन, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा जन-अभियान की जरूरत है. पंचायत प्रतिनिधि जनजागरूकता के लिए उन्होने साक्षरता, जीविका, बाल विकास परियोजना, कृषि तथा अन्य पंचायत स्तरीय कर्मियों को सक्रिय एवं सहभागी बनाने तथा घर-घर भ्रमण कर लोगों को खुले में शौच की बीमारी से मुक्ति हेतु दीवाल लेखन करने, फ्लैक्स लगाने, सभा एवं संगोष्ठी करने, स्वच्छता पर आधारित विडियों का प्रदर्शन पंचायतों में करने को कहा.
कृषि पदाधिकारी नहीं बता पाये ODF मतलब
स्वच्छता के लिए जागरूकता की इस बड़ी पहल के जिलाधिकारी ने सभी विभागों के पदाधिकारियों को चुनकर बुलाया था. लगभग 350 विभागीय लोग इस मीटिंग में शामिल हुए जहाँ सभी को जिलाधिकारी ने ODF के लिए एक छोटी ट्रेनिग सभी को दे पंचायत स्तर तक इसके लिए काम करने की सलाह दी. इस दौरान जब कोइलवर के कृषि पदाधिकारी से ODF का फूल फॉर्म जानना चाहा तो वे नहीं बता पाये.
आरा से ओ पी पांडे