पटना (राजेश तिवारी) | तारीख पे तारीख तारीख पे तारीख तारीख पे तारीख……… जी हां यह एक फिल्मी डायलॉग है लेकिन NIOS से Dl.Ed किये हुए छात्रों के लिए यह तारीख काफी कष्टदायक नजर आ रही है और एक बार फिर मायूसी हाथ लगे हैं. पटना हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई लेकिन बिहार सरकार की लापरवाही के कारण एक बार फिर इन प्रशिक्षित शिक्षकों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. आज पटना हाई कोट में सुनवाई के दौरान जैसे ही सुनवाई शुरू हुई शिक्षा विभाग के सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखते हुए अदालत से दरखास्त किया कि अभी मेरी तैयारी पूरी नहीं हुई है इसलिए थोड़ा और समय दिया जाए इस पर माननीय कोर्ट ने शिक्षा विभाग के वकील को बात बात मानते हुए 1 सप्ताह का समय दिया है. अब अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी जिसमे शिक्षा विभाग अपना पक्ष रखेगी. हालाकि NIOS से Dl.Ed किए हुए प्रशिक्षित शिक्षकों को आज उम्मीद थी कि माननीय कोर्ट के द्वारा कम से कम फॉर्म भरने का समय मिलेगा. लेकिन बिहार सरकार की घोर लापरवाही की चलते एक बार फिर उन्हें अगली समय का इंतजार करना होगा.
आपको बता दें कि बिहार के करीब ढ़ाई लाख प्रशिक्षित शिक्षक इस नियोजन प्रक्रिया से बाहर है. दरअसल मामला नियोजन प्रक्रिया शुरु होने के समय बिहार सरकार ने एनसीटीई से मार्गदर्शन मांगा था कि इन एनआईओएस से डीएलएड की हुए शिक्षकों को क्या किया जाए. जिस पर NCTE ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया, जिसके बाद बिहार सरकार ने इन सबको नियोजन प्रक्रिया से बाहर कर दिया. हालांकि अब NCTE ने यू टर्न लेते हुए शिक्षकों से यह कह रही है कि बिहार सरकार को NCTEके मार्गदर्शन नहीं मानने चाहिए. अगर बिहार सरकार नौकरी देती है तो NCTEको कोई आपत्ति नहीं है यानी NCTE अब बिहार सरकार के ऊपर ठीकरा फोड़ रही है.