सरकारी स्कूल: डीएम किसकी सुनेंगे, सरकार की या शिक्षा विभाग की!

पटना।। बिहार में गर्मी का समय शुरू हो चुका है. मौसम विभाग ने बिहार के कई जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है. भीषण गर्मी और लू की स्थिति को देखते हुए बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग ने स्कूलों के संचालन के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं. बच्चों को लू और भीषण गर्मी से बचाने के लिए स्कूलों को सुबह की पाली में संचालित करने या गर्मी की छुट्टी निर्धारित समय से पहले घोषित करने को कहा गया है. आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि गर्मी की स्थिति को देखते हुए स्कूलों को अल्प अवधि के लिए बंद किया जा सकता है इस बारे में जिलाधिकारियों को समीक्षा कर निर्णय लेना चाहिये.

लेकिन बिहार के तमाम सरकारी स्कूल इस भीषण गर्मी में ना सिर्फ खुले हुए हैं बल्कि मॉर्निंग की बजाय डे शिफ्ट में चल रहे हैं. इससे पहले 1 अप्रैल से सभी स्कूलों का संचालन मॉर्निंग शिफ्ट में होता था. यही नहीं, इस बार तो शिक्षा विभाग ने गर्मी की छुट्टी के दौरान भी 10:00 बजे से 12:00 तक स्पेशल क्लास चलने का निर्देश भी जारी किया है. यह निर्देश ऐसी स्थिति में निकाला गया है जब गर्मी के समय उत्तर बिहार समेत कई अन्य जिलों में चमकी/एईएस के प्रकोप से हर साल बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो जाती है.




ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या आपदा प्रबंधन विभाग का आदेश जिलाधिकारी मानेंगे या फिर उन्हें शिक्षा विभाग के आदेश पर चलना पड़ेगा. आपको याद दिला दें कि दिसंबर और जनवरी के महीने में भीषण ठंड और शीतलहर के दौरान भी स्कूल खुले रहे क्योंकि शिक्षा विभाग ने डीएम को स्कूल बंद करने से मना कर दिया था.

एमएलसी ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

इन सब के बीच बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रोफेसर संजय कुमार सिंह ने भी शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को पत्र लिखकर बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति चिंता जताते हुए स्कूलों को मॉर्निंग शिफ्ट में चलाने की मांग की है.

By dnv md

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