वाराणसी,24 जनवरी. काल भैरव मंदिर के प्रधान गद्दीदार काल भैरव गंडामाला के जनक सिद्ध स्वर्गीय रूपनाथ बाबा 1820 के सर पौत्र योगी योगेश्वर के आवास पर एक दिव्य सांस्कृतिक गोष्ठी का आयोजन किया गया इस गोष्ठी का मुख्य विषय आजादी और जिम्मेदारी के विषय पर था. वे योग निरोग केंद्र के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं.
आज समाज में लोग आजादी के नाम पर जिस प्रकार का मनमाना आचरण कर रहे हैं उस समाज की दिशा और दशा भ्रमित हो रही है इस अवसर पर शहर के दो मनीषियों को अपने क्षेत्र में उन्हें उल्लेखनीय योगदान के लिए कर्मयोगी सम्मान से सम्मानित किया. जिसमे प्रवीण सिंह सीआरपीएफ 95 बटालियन को दिया गया समाज में उनकी सक्रियता लोगों के सहायता के लिए सदैव तत्पर रहना और दूसरे कवि सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध को उनकी उत्कृष्ट रचनाओं के लिए उन्हें कर्म योगी सम्मान प्रदान किया गया. यह सम्मान योगी योगेश्वर ने प्रदान किया.
अंग वस्त्र पांच साधकों के द्वारा उन्हें धारण करवाया गया. इस अवसर पर 22 जनवरी की महत्ता को देखते हुए कवि सिद्धनाथ शर्मा ने भगवान श्री राम पर एक बड़ा ही मनमोहक काव्य पाठ किया. सीआरपीएफ के प्रवीण सिंह ने माता-पिता के प्रति बच्चों की उत्तरदायित्व को बड़े सहायता से समझाया और कहा कि माता-पिता के प्रति जिम्मेदारी में उनकी स्वतंत्रता को भी ध्यान रखना चाहिए.
इस अवसर पर योगी योगेश्वर ने कहा कि पिता में पुत्र की आत्मा होती है और यदि आत्मा कुछ भी गलत करती है तो शरीर और पिता की आत्मा दोनों दुखी होती है. इसलिए संतान को अपने माता-पिता के प्रति अच्छे संस्कार और अच्छे व्यवहार का प्रदर्शन करना चाहिए. इस अवसर पर प्रेमनाथ योगेश्वर ,भारत गुप्ता , अजय सेठ और अजीत पाठक प्राकृतिक ने भी काव्य पाठ से वातावरण को संगीतमय बना दिया. इस कार्यक्रम में रजत योगेश्वर , प्रभु नाथ,बनारसी गुप्ता, संजय कुमार एवं साधक चंदन विश्वकर्मा , राधा देवी एवं काल भैरव मंदिर के मोलू महाराज उपस्थित थे.
धन्यवाद ज्ञापन अजीत पाठक प्राकृतिक ने दिया. सभी ने योगी योगेश्वर के द्वारा चलाए गए महान उद्देश्यों की सराहना की. प्रवीण सिंह ने कहा कि वे योगी योगेश्वर को करीब 12 वर्षों से जानते हैं. समाज एवं राष्ट्र के लिए वे अनवरत नि:शुल्क यथासंभव जो कार्य कर रहे हैं इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है. वहां उपस्थित सभा में सभी साधकों ने योगेश्वर के कर्तव्य का स्वागत किया और उन्हें बहुत सारी बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी. कार्यक्रम की समाप्ति जय श्री राम जय श्री राम के नारों की गूंज के साथ हुई.
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