अधूरे ही सही लेकिन आखिरकार बिहार में दो बहुप्रतीक्षित पुल रविवार से आम लोगों के लिए शुरू हो जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष से दोनो पुलों का लोकार्पण करेंगे. 15 साल पहले यानि 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इनमें से एक दीघा-सोनपुर पुल का शिलान्यास किया था. तब नीतीश कुमार उनके मंत्रिमंडल में शामिल थे.
उत्तर बिहार को पटना से जोड़ने वाले दीघा-सोनपुर पुल से लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है. हालांकि इस पुल में अभी काफी काम बाकी है. लेकिन इसके शुरू होने से गांधी सेतु पर जाम की समस्या झेलने वाले लोगों को जबरदस्त राहत मिलेगी. इसके साथ-साथ पटना शहर में वाहनों की आवाजाही कम होने से राजधानी के लोगों को जाम से राहत मिलेगी. क्योंकि पश्चिम यानि बक्सर, आरा आदि से आने वाले वाहनों को हाजीपुर जाने के लिए शहर के अंदर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
इसके साथ-साथ आरा-छपरा पुल भी शुरू हो रहा है. आरा-छपरा पुल के शुरू होने से बिहार के कई जिलों समेत यूपी की भी दूरी बिहार से कम होगी. दोनों पुल का सीधा असर आवागमन के साथ-साथ व्यापार पर भी पड़ेगा.
पुलों का नामकरण
दोनों पुलों के नामकरण को लेकर पिछले कुछ दिनों से बिहार में खूब बयानबाजी हो रही थी. चूंकि दोनों पुल लालू के जन्मदिन यािन 11 जून को शुरू हो रहे हैं. ऐसे में बीजेपी ने इसे लेकर सीएम नीतीश और तेजस्वी पर जमकर निशाना साधा था. बीजेपी ने दीघा-सोनपुर पुल का नाम जेपी के नाम पर करने की मांग की थी. इधर आरा-छपरा पुल का नाम भिखारी ठाकुर के नाम पर करने की मांग हो रही थी.
आखिरकार सरकार ने आरा-छपरा पुल का नाम वीर कुंवर सिंह के नाम पर जबकि दीघा-सोनपुल पुल का नामकरण जयप्रकाश नारायण के नाम पर कर दिया.
आरा-छपरा पुल दीघा-सोनपुर पुल
लंबाई- 21.4 किलोमीटर लंबाई- करीब 20 किलोमीटर(पहुंंच पथ- 4.04 किलोमीटर)
चौड़ाई- 20.50 मीटर चौड़ाई- 12 मीटर
लागत – 886 करोड़ रू लागत- 255.54 करोड़ रू (पहुंच पथ)