तय समय सीमा में ही होगी पूजा
देवघर, और दुमका सीमा में बाहर के किसी भी बसों पर पूर्ण रोक
पटना,3 जुलाई. सावन के महीने में देश भर आने वाले शिवभक्त इस वर्ष बाबाधाम में बाबा को जल नही चढ़ा पाएँगे. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए झारखंड सरकार ने इस साल श्रावणी मेले का आयोजन रदद् कर दिया है. वैसे तो सालोभर बाबा की नगरी देवघर गुलजार रहता है लेकिन श्रावणी मेले में इसकी छँटा देखने लायक होती है. जो इस बार देखने को नही मिलेगी. यहाँ तक कि शिवगंगा में स्नान तक करने पर सरकार ने रोक लगा दी है.
सावन के महीने में लगने वाले श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दुमका और देवघर उपायुक्त से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर कई निदेश दिए हैं. मंदिर परिसर को पूरी तरह से हाई जेनिक करने के साथ रंग-रोगन कर देवघर व बासुकीनाथ मंदिर को और भव्य बनाने का निर्देश दिया है. सीएम ने निर्देश जारी कर कहा है कि बैरीकेडिंग कर शिवगंगा को अच्छी तरह से धेरा जाए ताकि कोई भी उसमें स्नान न कर सके. मुख्यमंत्री ने सूचना तंत्र को मजबूत करने को कहा है जिससे श्रद्धालु एक जगह जमा न हो सकें.
पूरे सावन लगभग एक महीने तक इस अवधि में राज्य सरकार ने किसी भी राज्य से देवघर और दुमका की सीमा में बसों के आने तक पर पाबंदी लगा दी है. सरकार ने पदाधिकारियों से कहा है कि झारखण्ड की सीमा पर सूचना वे जगह-जगह सूचना पट्ट लगाएं, जिससे हर व्यक्ति को पता चल सके कि श्रावणी मेला का आयोजन संक्रमण की वजह से स्थगित है. सरकार ने मंदिर परिसर में किसी तरह की भीड़ न हो इसे सख्ती से लागू करने पर जोर दिया है. सरकार ने इस दिशा में अधिकारियों को पंडा समाज के लोग और जन प्रतिनिधियों से सहयोग लेने की सलाह दी है.
सीएम ने हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि वे पूरी सतर्कता बरते और तय समय में प्रोटोकॉल के तहत पूजन का कार्य सुनिश्चित करें. पूजन के अलावा अन्य सभी गतिविधियों पर पूर्ण पाबंदी रहेगी. सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ हमें और लड़ाई लड़नी है. श्रावणी मेला नजदीक है. इस मेले में देश भर से श्रद्धालु बाबाधाम और बासुकीनाथ आते हैं.
राज्य सरकार राज्यवासियों के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है. सरकार संक्रमण काल में लोगों के स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती, जिससे झारखण्ड महामारी के बुरे दौर में चला जाये. उन्होंने सभी को सचेत करते हुए कहा कि संक्रमण को हल्के में न लें. इसके प्रति गंभीरता जरूरी है. सतर्कता और गम्भीरता के कारण ही सरकार ने श्रावणी मेला का आयोजन इस वर्ष नहीं करने का निर्णय लिया है.
अब देखना यह है कि सरकार के इस निर्णय के बाद बाबा के भक्त सतर्कता कितनी बरतते हैं. MV न्यूज भी सभी शिवभक्तों से अपील करता है कि कोरोना काल में किसी तरह का जोखिम न उठाएं जिससे कोरोना मानवों पर हावी जाए. घर पर ही भगवान शिव की पूजा आराधना करें.
ओ पी पांडेय की रिपोर्ट